प्रवासी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ेगा 'समर्थ'
जागरण संवाददाता कन्नौज अब प्रवासी कामगारों के बच्चों को बेसिक शिक्षा विभाग समर्थ बनाएगा। इस

जागरण संवाददाता, कन्नौज : अब प्रवासी कामगारों के बच्चों को बेसिक शिक्षा विभाग 'समर्थ' बनाएगा। इस अभियान के माध्यम से आउट आफ स्कूल बच्चों को चिह्नित कर समीपवर्ती स्कूलों में प्रवेश दिलाया जा रहा है, जिससे कि वह शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सकें। जनपद में अब तक 3,537 बच्चों को चिह्नित कर 3,513 का विद्यालय में नामांकन कराया जा चुका है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक बच्चे का शिक्षा प्राप्त करना एक मौलिक अधिकार है। पहले शारदा (स्कूल हर दिन आएं) कार्यक्रम के तहत आउट आफ स्कूल बच्चों को चिह्नित कर उन्हें विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाता था। अब समर्थ कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे बच्चों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनके माता-पिता प्रवासी कामगार हैं और काम के सिलसिले में वह एक शहर से दूसरे शहर में आते जाते रहते हैं। बच्चे उनके साथ होते हैं, ऐसे में वह स्थाई रूप से एक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं। पहले समेकित शिक्षा के अंतर्गत केवल समर्थ एप व पोर्टल से दिव्यांग बच्चों को पढ़ाया जाता था, अब इसमें प्रवासी बच्चों को भी जोड़ दिया गया है।
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4,329 बच्चों का दिया गया था लक्ष्य
बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक (सामुदायिक सहभागिता) वीपी अवस्थी ने बताया कि समर्थ अभियान के अंतर्गत जिले में 4,329 प्रवासी बच्चों को चिह्नित कर समीपवर्ती स्कूल में प्रवेश दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें शिक्षकों के अलावा, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद ली गई थी। इसके सापेक्ष अबतक 3,537 बच्चों को चिन्हित कर 3,513 बच्चों का नामांकन कराया जा चुका है।
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जनपद में शारदा और समर्थ कार्यक्रम के अंतर्गत आउट आफ स्कूल बच्चों को चिह्नित किया जा रहा है। जिले के आठो ब्लाकों में यह अभियान तेजी से चल रहा है। अभियान में गति लाने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
-कमलेश कुमार ओझा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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