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    आस्था का प्रतीक है ठठिया का 52 मठ का छतेश्वरनाथ मंदिर

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 04 Aug 2021 07:15 PM (IST)

    ठठिया से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर मठ वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध छतेश्वरनाथ मंदिर प्र

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    आस्था का प्रतीक है ठठिया का 52 मठ का छतेश्वरनाथ मंदिर

    ठठिया से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर मठ वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध छतेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में 52 मठ बने हैं। सावन मास में प्रतिदिन आसपास गांव के हजारों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। आस्था है कि मंदिर में सच्ची श्रद्धा के साथ आने पर मन्नत पूरी होती है। ---------------- इतिहास

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    मंदिर की कलाकृतियों को देखकर इतिहासकार पांच सदी के आसपास निर्माण होना बताते हैं। मुगल शासकों ने मंदिर ध्वस्त कर 52 मठों में से कई मठ नष्ट कर दिए थे, लेकिन शिवलिग को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाए थे। बाद में ठठिया के राजा पोहकर सिंह के पूर्वज राजा छत्रपाल सिंह ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया। ---------------- विशेषता मंदिर में आसपास गांव के हजारों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है। लोगों का मानना है कि मंदिर में सच्ची श्रद्धा और आस्था के साथ दर्शन करने वाले भक्त की मनोकामना जरुर पूरी होती है। सावन में हर सोमवार को मंदिर में भीड़ होती है और मेला भी लगता है। शिवरात्रि पर भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। ---------------- ऐसे पहुंचे मंदिर

    ठठिया-तिर्वा मार्ग से सुर्सी मोड़ से करीब आधा किलोमीटर चलकर बाग मिलता है। उसके बीच मंदिर बना है। इसके पास एक पक्का तालाब है, जिसमें अब पानी नहीं रहा। मंदिर तक जाने के लिए पक्का रास्ता बना है। --------------- प्रसिद्ध मंदिर का शिवलिग सैकड़ों वर्ष पुराना है। सावन व अन्य धार्मिक पर्व पर भक्तों की भीड़ होती है। शिवरात्रि में मंदिर पर जलाभिषेक करने कावड़ लेकर लोग आते हैं। प्रतिदिन शाम और सुबह भोले बाबा की आरती और प्रसाद वितरण होता है। पप्पूदास, पुजारी ------------- मंदिर में 52 मठ बने हैं। इसी कारण मठ वाले बाबा के नाम से लोग पुकारते हैं। उनके पूर्वजों के समय से ही मंदिर की देखरेख करना और मरम्मत आदि कराना जिम्मेदारी भी निभाते हैं। संजीव कुमार तिवारी, सेवादार