आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर संभल कर करें सफर, जरा सी चूक हुई तो हो जाएंगे हादसे के शिकार, बदइंतामी है हावी
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा इंतजामों की कमी के चलते दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। फगुआ भट्ठा से तालग्राम के बीच साइड रेलिंग और जालियां कई जगह टूटी हुई हैं जिससे आवारा जानवर सड़क पर आ जाते हैं। लोग भी अंडरपास के बजाय ऊपर से ही सड़क पार करते हैं। मरम्मत कार्य जारी है लेकिन सुरक्षा में लापरवाही से हादसे बढ़ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, कन्नौज। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सफर करना है तो सावधान रहें। जरा सी चूक हुई तो हादसे के शिकार हो जाएंगे। कारण, वाहन चालकों की सुरक्षा में लगाई गई साइड रेलिंग गाटर, जालियां व डिवाइडर भी जगह-जगह टूटे पड़े। फगुआ भट्ठा से तालग्राम के बीच सबसे ज्यादा बदत्तर स्थिति है। इससे हादसे भी बढ़ते जा रहे।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर कई सुविधाएं की गई थीं। एक्सप्रेसवे को पार करने के लिए जगह-जगह अंडरपास और सर्विस रोड बनाई गई। एक्सप्रेसवे को पैदल क्रास न कर सकें और कोई जानवर न चढ़ सके, इससे बचाव के लिए दोनों साइडों में जालियां, कांटेदार तार, लोहे के गाटर लगाए गए।
डिवाइडर पर भी गाटर व जाली लगाई गई है। जाली, गाटर व कांटेदार जगह-जगह टूटे पड़े। फगुआ भट्ठा टोल प्लाजा से तालग्राम के बीच 13 जगह साइडों रेलिंग, जाली व तार टूटे पड़े। डिवाइडर पर 11 जगह जाली-गाटर टूटे पड़े। तालग्राम टोल प्लाजा से फगुआ भट्ठा तक लखनऊ जाने वाली लेन पर 16 जगह जाली, गाटर व तार टूटे पड़े।
हादसे होने से गाटर व जालियां टूटी हैं। कुछ जगहों पर ग्रामीणों ने अपने गांव का रास्ता आसान करने के लिए जाली व तारों को काट दिया है। इससे अंडरपास से नहीं निकलते और एक्सप्रेसवे के ऊपर से ही क्रास करते हैं। मरम्मत का काम समय पर नहीं होता। इससे आवारा जानवर भी एक्सप्रेसवे पर चढ़ जाते। सुरक्षा के इंतजाम बेहतर न होने से हादसों में इजाफा हो रहा।
खड़े वाहनों पर नहीं होती निगरानी
एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह हाईडिफिनेशन के कैमरे लगे। इससे वाहनों के ई-चालान भी खूब होते हैं। लेकिन सुरक्षा के लिए काम नहीं होता। जगह-जगह वाहन चालक अपनी गाड़ी को रोक लेते और नींद पूरी करते नजर आते हैं। इसी कारण, खड़े वाहनों में पीछे से टकराने की घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ रही हैं।
एक्सप्रेसवे पर मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। सड़क की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया। इसके अलावा जाली व गाटर को भी दुरुस्त किया जाता है। हादसे में क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
इं. सुमित कुमार, एटलस कंपनी, एक्सप्रेसवे
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