परशुराम का रौद्र रूप देख दर्शक रोमांचित
छिबरामऊ, नगर संवाददाता : जैसे ही भगवान शिव का धनुष टूटा, उसी समय परशुराम जी वहां आक्रोश में पहुंचे और क्रोध से आंखे लाल-पीली करते हुए कहने लगे कि जिसने भी यह धनुष तोड़ा है, उसने अपनी मृत्यु को आमंत्रित किया है। परशुराम का रौद्ररूप देखकर राजसभा में मौजूद राजा भी भयभीत हो गए।
रामलीला में भगवान परशुराम ने जब रौद्र रूप दिखाते हुए भगवान राम व लक्ष्मण से यह शब्द कहे तो मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम ने विनय पूर्वक कहा कि हे प्रभु जिसने भी इस धनुष को तोड़ने की चेष्टा की है, वह आपका ही कोई सेवक होगा। यह सुनकर परशुराम जी और भड़क गए। उन्होंने कहा कि 21 बार उन्होंने अपने बाहुबल से इस पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन किया है आरै जीती गई धरती ब्राह्मणों को सौंप दी थी। उसी समय लक्ष्मण जी ने कहा कि हमारे रघुकुल में देवता, ब्राह्मण, भगवान के भक्त और गाय पर आक्रमण करने का नियम नहीं है अन्यथा वह किसी वीर को सबक सिखाने में सक्षम है। लक्ष्मण जी का क्रोध देखकर भगवान श्रीराम ने उन्हें शांत रहने का इशारा किया और भगवान परशुराम से वार्ता कर उनका क्रोध शांत किया। उन्होंने परशुराम को अपने विष्णुरूप के दर्शन भी कराये। रामलीला में परशुराम लक्ष्मण संवाद देखकर दर्शक गदगद हो उठे और जयकारे लगाए। रामलीला कमेटी के व्यवस्थापक प्रेममुरारी दुबे ने बताया कि मंगलवार को रात्रि में भव्य रामबरात निकाली जाएगी।
रामबरात आज, तैयारियां पूरी
हर साल की तरह नगर में इस साल भी रामलीला के तत्वाधान में 8 सितंबर को सायं 7 बजे से भव्य रामबरात निकाली जाएगी। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष कुं. सतेंद्र सिंह यादव जबरू ने बताया कि रामबारात में आसपास के कई जनपदों की जीवंत झांकियां शामिल होंगी। मंगलवार की शाम 7 बजे पूर्वी बाईपास से गणेश पूजन व आरती के बाद रामबारात का शुभारंभ किया जाएगा। रात में समूचे नगर में भ्रमण करने के बाद सुबह ब्रह्म मुहूर्त में रामबारात विशुनगढ़ रोड स्थित रामलीला मैदान पहुंचेगी, जहां धूमधाम से भगवान श्रीराम व माता सीता का विवाह संपन्न कराया जाएगा। भव्य रामबरात के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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