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    India Pak Tension: अफसरों का आदेश मिलते ही ड्यूटी पर वापस लौटे उधम सिंह, भारत-पाक सीमा पर इस गांव के 6 बेटे तैनात

    Updated: Fri, 09 May 2025 12:57 PM (IST)

    अमरोहा के देहरी जट गांव में 25 फौजी हैं और सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्तमान में छह फौजी जम्मू-कश्मीर में सीमा पर तैनात हैं। इन फौजियों के परिवार वाले उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं लेकिन देश सेवा पर गर्व भी महसूस करते हैं। इसके अलावा जोया क्षेत्र के तीन फौजी भी सीमा पर तैनात हैं।

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    गांव देहरी जट का प्राइमरी स्कूल। जागरण

    आसिफ अली, अमरोहा। जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर हसनपुर रोड पर गांव देहरी जट है। यह फौजियों का गांव कहलाता है। इस गांव के 25 बेटे फौज में हैं, जबकि सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अब देश की सीमा पर माहौल बदल चुका है तो देहरी जट के कितने बेटे सीमा पर देश की रक्षा कर रहे हैं, यह सवाल उठना लाजमी है?

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    गांव के लोग ही नहीं, बल्कि जिले को गौरवान्वित करने वाली बात यह है कि देहरी जट के छह बेटे इस समय सीमा पर तैनात हैं। वहीं, जोया क्षेत्र के तीन बेटे भी जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। 

    दुश्मन देश पाकिस्तान से तनाव की स्थिति में वहां तैनात बेटों को लेकर परिजन चिंतित हैं, लेकिन गर्व भी है कि उनके बहादुर लाडले देश की रक्षा कर रहे हैं। गांव देहरी जट की आबादी लगभग चार हजार के करीब है।

    गांव के हर घर में फौजी 

    गांव की खास बात यह है कि यहां के हर घर में फौजी, सीआरपीएफ, बीएसएफ और यूपी पुलिस के सिपाही हैं। अकेले फौजियों की बात करें तो गांव में वर्तमान में 25 फौजी हैं, जबकि सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं। 

    सबसे पहले इस गांव के रहने वाले हरपाल सिंह फौज में भर्ती हुए थे। उसके बाद चला सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। इन 25 फौजियों में छह बेटे जम्मू-कश्मीर में सीमा पर तैनात हैं। इनमें रूपक कुमार व सुधीर कुमार लेह, उधम सिंह पुंछ, गौरव कुमार उरी, रूपक चौधरी श्रीनगर और चरण सिंह जम्मू में तैनात हैं। 

    उधम सिंह तो इन दिनों छुट्टी पर आए थे, लेकिन उच्चाधिकारियों का आदेश मिलते ही बुधवार को वापस ड्यूटी के लिए रवाना हो गए हैं। अब इस तनाव के माहौल में जहां एक गांव के छह बेटे सीमा पर तैनात हैं तो गांव के हालात का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है। सभी फौजियों के परिजनों उन्हें लेकर चिंतित तो हैं, लेकिन उन्हें इस बात का गर्व भी है कि उनके बेटे देश की रक्षा में लगे हैं। 

    फौजी रूपक के भाई दीपक कुमार ने बताया कि हमें भाई के साथ ही गांव के सभी फौजियों की चिंता रहती है। लेकिन देशहित पहले हैं। वह देश की रक्षा के लिए सेना में भर्ती हुए हैं। यह हम सभी के लिए गौरवान्वित करने वाली बात है। 

    बोले- दुश्मनों के छक्के छुड़ाने हैं, देश की अस्मिता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। बताया कि भाई से घरवालों की रोज ही बात होती है। वहीं, छुट्टी से अचानक वापस लौटे फौजी उधम सिंह के परिजनों ने बताया पहले देश हित है, उसके बाद परिवार। 

    कहा कि छुट्टी में अचानक वापस लौटना अच्छा तो नहीं लगा, लेकिन इस समय देश को उनकी जरूरत है। जोया के जैनुल, इंतेखाब और नदीम भी सीमा पर तैनात जोया: जोया क्षेत्र के गांव टिकिया निवासी इंतेखाब अली सीआरपीएफ में जवान हैं। 

    इन दिनों उनकी तैनाती रामपुर में है, लेकिन उच्चाधिकारियों का आदेश मिलने पर बटालियन के साथ गुरुवार तड़के जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं। 

    गांव असगरीपुर निवासी नदीम की तैनाती भी लद्दाख में है। 24 अप्रैल को वह भी छुट्टी पूरी होने पर वापस ड्यूटी पर चले गए थे, जबकि डिडौली निवासी राहुल शर्मा की तैनाती भी वर्तमान में कश्मीर में है। 

    इसके अलावा गांव टिकिया निवासी जैनुल आबेदीन की तैनाती वर्तमान में राजौरी में है। वह शादी के लिए एक महीना की छुट्टी लेकर घर आए हैं। बुधवार को कंपनी कमांडर की काल आई और जल्द वापस लौटने का आदेश मिला है। इन फौजियों के स्वजन भी प्रतिदिन बेटों से बात कर कुशलक्षेम पूछ रहे हैं।

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