'दीपांजलि' में झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई के शौर्य को नमन करेगा शहर
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर ललितपुर में दैनिक जागरण के आह्वान पर दीपांजलि का आयोजन किया जा रहा है। शहरवासी महारानी के साहस को नमन करेंगे। विभिन्न संगठन इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। लोगों ने रानी लक्ष्मीबाई के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे नारी शक्ति और देश के गौरव का प्रतीक हैं। उनका बलिदान हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

ललितपुर ब्यूरो। झांसी की महारानी वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव पर कल 19 नवम्बर को जागरण के आह्वान पर आयोजित दीपाँजलि कार्यक्रम को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से शहर के लोग महारानी के अदम्य साहस और शौर्य को नमन करेंगे। कार्यक्रम की तैयारियाँ शुरू हो गयी है। इस आयोजन में विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक, राजनैतिक, व्यापारिक संगठन शामिल होंगे। इस कार्यक्रम को लेकर शहर के जागरूक लोगों ने अपने विचार साझा किये।
समाजसेवी आचार्य लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा ने कहा कि वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयन्ती पर ललितपुर के लिये आज सबसे खास और सबसे बड़ा दिन है। दैनिक जागरण के आवाह्न पर कल 19 नवम्बर को ललितपुर दूसरी दीपावली मनायेगा। आयोजन को लेकर युवाओं में उत्साह है।
मुक्ति संस्था के अध्यक्ष अज्जू बाबा ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई बुन्देलखण्ड ही नहीं, बल्कि समूचे भारत का गौरव हैं। कल उनका जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जायेगा। हम सब भी रानी के जन्मोत्सव पर अपने घर में दीप जलायेंगे। हम और हमारा संगठन इस आयोजन में पूरे जोश के साथ शामिल होंगे।
साईं ज्योति संस्था के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा कि महारानी ने विश्व पटल पर झाँसी ही नहीं बुन्देलखण्ड को अनूठी पहचान दी है। ऐसे में जरूरी है कि हम भी आज उनके लिए कुछ करें। जागरण के आवाह्न पर हमारे संगठन के उत्साही युवा साथी दीपाँजलि कार्यक्रम को भव्य रूप में मनायेंगे।
व्यापारी अजय जैन साइकिल ने कहा कि वीर भूमि बुन्देलखण्ड का झण्डा चहुंओर बुलन्द करने वाली वीराँगना लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस को दीपाँजलि महोत्सव के रूप में मनाने का यह प्रयास बेहद सराहनीय है। कल 19 नवम्बर को जागरण के आवाह्न पर आयोजित कार्यक्रम में वह अपने साथियों के साथ सहभागिता कर इसे भव्य रूप में मनायेंगे।
बजरंग सेना के जिलाध्यक्ष डॉ.दीपक पस्तोर ने कहा कि सही मायने में देखा जाये तो वीरांगना लक्ष्मीबाई ने अपने त्याग और बलिदान से देश में नारी शक्ति का मान बढाया है। आज महिलायें वीरांगना से प्रेरणा लेकर हर क्षेत्र में आगे बढ रही हैं। रानी का बलिदान युगों-युगों तक प्रेरणा देता रहेगा।
जय अम्बे रक्तदान समिति के अध्यक्ष दीपक राठौर ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई ने अपने अदम्य साहस और पराक्रम से अंगे्रेजों के छक्के छुडा दिये थे। कल हम वीरांगना के त्याग और बलिदान को नमन कर उनके नाम का दीप जलाकर श्रद्धांजलि दें। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जायेगा।
पर्यावरणविद् व अधिवक्ता पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने आजादी की लडाई में अपने प्राण देकर यह साबित कर दिया था कि चूडियां पहनने वाले हाथ वक्त आने पर अपने देश की रक्षा को तलवार भी उठा सकते हैं। रानी ने यह कर दिखाया और वीरों की भांति युद्ध करते हुये हमेशा के लिये भारत मां की गोद में सो गयीं।
रामलीला हनुमान जयन्ती महोत्सव समिति के महामन्त्री डॉ.प्रबल सक्सेना ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई का त्याग और बलिदान वर्षो याद रखा जायेगा। वे अंग्रेजों के आगे झुकी नहीं और उनका डट कर मुकाबला करते हुये शहीद हो गयीं। वे हमेशा नारी शक्ति की प्रेरणाश्रोत बनी रहेंगी।
युवा भूपेन्द्र तिवारी ने कहा कि वीरांगना का नाम सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में महारानी लक्ष्मीबाई का इतिहास हलचल पैदा कर देता है। लक्ष्मीबाई महिला सशक्तिकरण का एक महान उदाहारण है, जो वर्तमान महिला जगत को ऊर्जावान कर रहा है। वीरांगना लक्ष्मीबाई आज सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति और साहस के लिए एक जीता-जागता उदाहारण है। उनके संघर्ष से हम सभी प्रेरित हो रहे हैं।
अधिवक्ता अवतार सिंह लोधी ने कहा कि वीरांगना लक्ष्मीबाई ने समय रहते महिला फौज गठित की जिसकी कमान उन्होंने झलकारीबाई को सौंपी थी। इन योद्धा स्त्रियों के बलिदान ने नारी सशक्तिकरण की नयी इबारत लिखी है। महारानी लक्ष्मीबाई अपराजेय शक्ति की मूर्तिमान प्रतीक है। वे हमेशा हमारी प्रेरणाश्रोत रहेंगी।
शिक्षिका चित्रांगना ठाकुर ने कहा कि वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के नाम के साथ भारतवर्ष के शूरवीरों तथा देशभक्तों की परम्परा का एक इतिहास जुडा है। बाईसा इस इतिहास की वह नक्षत्र हैं, जो युगों-युगों तक देशभक्त स्वतंत्रता के दीवानों का मार्गदर्शन करती रहेंगी।

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