Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UPSC CSE Result: दादा ने दैनिक जागरण से जुड़ कर की समाजसेवा, नाती अनिकेत बना यूपीएससी का टॉप रैंकर

    Updated: Tue, 16 Apr 2024 09:02 PM (IST)

    जालौन जनपद के कोटरा में शिक्षक परिवार से जुड़े राजकीय इंटर कॉलेज के उप प्राचार्य आलोक शांडिल्य के बड़े पुत्र अनिकेत शांडिल्य ने पूरे देश में 12वीं रैंक पाकर परिवार के साथ ही झांसी का नाम रोशन कर दिया। आलोक शांडिल्य के दादा कोटरा के मोहन लाल शांडिल्य जालौन में इंटर कॉलेज में शिक्षक रहे और उनके जागरण परिवार से नजदीकी सम्बन्ध थे।

    Hero Image
    UPSC CSE Result: दादा ने दैनिक जागरण से जुड़ कर की समाजसेवा, नाती अनिकेत बना यूपीएससी का टॉप रैंकर।

    जागरण संवाददाता, झांसी। जालौन जनपद के कोटरा में शिक्षक परिवार से जुड़े राजकीय इंटर कॉलेज के उप प्राचार्य आलोक शांडिल्य के बड़े पुत्र अनिकेत शांडिल्य ने पूरे देश में 12वीं रैंक पाकर परिवार के साथ ही झांसी का नाम रोशन कर दिया। आलोक शांडिल्य के दादा कोटरा के मोहन लाल शांडिल्य जालौन में इंटर कॉलेज में शिक्षक रहे और उनके जागरण परिवार से नजदीकी सम्बन्ध थे। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने जागरण परिवार के लोगों को शिक्षा भी दी थी। आलोक के पिता राधारमण शांडिल्य झांसी व निवाड़ी केन्द्रीय विद्यालय में शिक्षक रहे। झांसी में रहने के दौरान उन्होंने दैनिक जागरण में भी अपनी सेवाएं दी। इसी के बाद से उनका परिवार झांसी में निवास कर रहा है। 

    अनिकेत की इस सफलता के लिए उसके नाना चन्द्रभूषण पाठक (उरई) ने दिन-रात पूजा-पाठ की और सफलता की खबर उन्हें नवरात्रि के व्रत के दौरान मिली। तीन पीढ़ी से शिक्षक धर्म का निर्वाह कर रहे इस परिवार को आईएएस के रूप में अब देश सेवा का अवसर मिला है। अनिकेत की माँ अर्चना शांडिल्य भी शिक्षक हैं, और छोटा भाई अभिनव शांडिल्य बीटेक कर सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी में जुटा है।

    युवाओं में पैशन व डिटरमिनेशन जरूरी 

    अनिकेत को पांचवीं बार में सफलता मिली। लगातार चार बार असफल होने के बाद भी उसने धैर्य नहीं खोया और दृढ़ निश्चय से अपने कर्तव्य पथ पर जुटा रहा। दिल्ली में कुछ दिन कोचिंग करने के बाद उसने तय किया कि वह अब घर पर ही अपने स्तर पर तैयारी करेगा। उसने दिल्ली में रहकर अपने स्तर पर पियर ग्रुप बनाया और आवश्यक कंटेंट (विषय सामग्री) का चयन करने में जुट गया। 

    झांसी में स्कूलिंग के बाद वह बीटेक करने नोएडा चला गया, मिकेनिकल से बीटेक करने के बाद उसने सिविल सेवा करने का मन बनाया और दिल्ली चला गया। कई छोटी-बड़ी कोचिंग में समय निकालने के बाद उसने अपने स्तर पर तैयारी शुरू की। 

    चार प्रयास में कभी वह मेन्स तक पहुंचा, तो कभी साक्षात्कार तक। पर वह अपने स्तर पर जुटा रहा। उसका कहना है कि उसे पता था कि सफलता के लिए धैर्य व दृढ़निश्चय चाहिए। उसने समाजशास्त्र से तैयारी की। 

    उसका कहना है कि युवा को जिस कार्य में खुशी मिले, उस कार्य को ही आगे बढ़ाना चाहिए। सफलता में कुछ लक भी होता है, जो बड़ी सफलता दिलाती है। प्रत्येक कार्य को दृढ़ निश्चय के साथ किया जाना चाहिए, उसमें एक फीसदी भी शक नहीं रखना चाहिए। परीक्षा को देखा-देखी नहीं देना चाहिए। यदि आपको खुशी मिले, तो फिर तैयारी करना चाहिए। पढ़ाई प्रभावी तरीके से रणनीति बनाकर करना चाहिए। सोशल मीडिया से भी अच्छी विषय सामग्री मिल सकती है। सबसे अच्छा है कि पियर ग्रुप बनाए और मिलकर पढ़ाई करें।

    बुन्देलखण्ड का हो समग्र विकास  

    अनिकेत आईएएस बनकर तकनीकी क्षेत्र के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में कुछ कार्य करना चाहता है। उसका कहना है कि प्रशासनिक सेवा से समाज सेवा को अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। 

    अनिकेत कहता है कि बुन्देलखण्ड तेजी से विकसित हो रहा है, उसका सपना इस क्षेत्र के समग्र विकास और गरीबी उन्मूलन का है। वैश्विक पटल पर बुन्देलखण्ड की आने की संभावना है। पर्यटन के क्षेत्र में विकास की बहुत संभावना है। साक्षात्कार में भी उससे बुन्देलखण्ड को लेकर सवाल पूछे गए थे, जिसमें डिफेंस कॉरिडोर बनने से क्षेत्र में विकास तथा पर्यटन विकास की सम्भावना पर उसने बुन्देलखण्ड में हो रहे विकास कार्यों को बेहतर बताया।

    अनिकेत कहना है कि अभी उसे निजी सफलता मिली है, उसे अभी समाज के विकास के लिए बहुत कार्य करना है, जिससे वह दूसरों के विकास व समस्याओं के निदान में सहयोगी बन सके।