Pitru Paksh 2025: इस बार पितृ आह्वान पर चन्द्रग्रहण की छाया, इसलिए करना होगा सनातनी अमान्य श्राद्ध
वैदिक विद्वत परिषद की ललितपुर में आचार्य पवन तांत्रिक की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमे 7 सितंबर को पितृ आह्वान पूर्णिमा श्राद्ध और चंद्रग्रहण पर चर्चा हुई। आचार्य पवन तांत्रिक ने सूतक लगने से पहले तर्पण करने का आग्रह किया। बृजनारायण मुखरैया ने ग्रहण में श्राद्ध को पुण्य कार्य बताया। जगदीश पाठक ने अनंत चतुर्दशी पर गणेश पूजन की बात कही।

जासं, ललितपुर । वैदिक विद्वत परिषद की बैठक अध्यक्ष आचार्य पवन तांत्रिक की अध्यक्षता में आयोजित की गयी, जिसमें इस वर्ष भाद्र पद पूर्णिमा 7 सितम्बर को पितृ आह्वान पूर्णिमा का श्राद्ध नियत है। इसी दिन चन्द्रग्रहण का युग बन रहा है। अत: इसी स्थिति में वैदिक विधान क्या रहेगा? इस विषय पर चर्चा की गयी।
ग्रहण के सूतक का समय
आचार्य पवन तांत्रिक ने बताया कि 7 सितम्बर को ग्रहण का सूतक दोपहर 12.45 मिनट से प्रारम्भ होगा। अत: इससे पूर्व ही सभी सनातनी पितृ आह्वान का तर्पण आदि कर लें, तथा जिनके यहां पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध होता है, वह सभी ब्राह्मण भोज आदि कर्म सूतक के पूर्व ही सम्पन्न कर लें। क्योंकि सूतक के समय भोजन आदि निषेध है। उन्होंने कहा कि सूतक के कारण देवालय बन्द रहेंगे। अत: सीधा दान करना होगा। इस दिन श्राद्ध भी होंगे व सूतक के नियम का पालन भी किया जायेगा।
सनातनी अमान्य श्राद्ध
बृजनारायण मुखरैया ने कहा कि श्राद्ध कर्म का काल नियत है। एकोदिष्ट श्राद्ध मध्यान्ह में तथा पार्वण श्राद्ध अपरान्ह में किया जाता है। चूंकि अपरान्ह काल में सूतक काल रहेगा, अत: सनातनी अमान्य श्राद्ध (सूखी वस्तु का दान) सीधा आदि से श्राद्ध कर सकते हैं। ग्रहण में श्राद्ध करना बड़ा पुनीत कार्य माना जाता है।
6 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी
जगदीश पाठक ने कहा कि अनन्त चतुर्दशी 6 सितम्बर को मनायी जायेगी। इस दिन भगवान गणेश का पूजन, हवन व विसर्जन किया जायेगा। अगले दिन 7 सितम्बर को सभी पंडित जलाशयों पर प्रात: से ही उपस्थित होंगे, जो समय से ही पितृ आह्वान सम्पन्न करायेंगे।
बैठक में पवन सुड़ेले, पवन रावत, कमलेश शास्त्री, सोनू चौबे, हरिओम दुबे, कृष्णकान्त, मुकेश पाण्डेय, मुकेश बबेले आदि मौजूद रहे।
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