मदरसा शिक्षक के घर NIA-ATS का छापा, भारी हंगामा
ऑनलाइन व ऑफलाइन इस्लामिक कोचिंग सेण्टर चलाने वाले एक मदरसा शिक्षक के घर में गुरुवार को तड़के लगभग 3 बजे एनआइए (नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) व एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट सेल) की टीम ने छापा मारा। टीम ने घर को अन्दर से बन्द कर लगभग 8 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। पुलिस और मुस्लिम समाज के नेताओं ने मामले को किसी तरह शांत किया।

जागरण संवाददाता, झांसी। ऑनलाइन व ऑफलाइन इस्लामिक कोचिंग सेण्टर चलाने वाले एक शिक्षक के घर में गुरुवार को तड़के लगभग 3 बजे एनआइए व एटीएस की टीम ने छापा मारा। घर को अन्दर से बन्द कर लगभग 6 घण्टे तक पूछताछ की गई। जब जांच एजेंसियां शिक्षक को लेकर घर के बाहर निकली तो समुदाय विशेष के लोगों ने उन्हें घेर लिया और उसे साथ ले जाने की वजह पूछने लगे।
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पूछताछ के लिए पुलिस लाइन ले जा रहे हैं तो लोग भड़क उठे। एक मस्जिद से एलान कराया गया और देखते ही देखते सैकड़ों की तादाद में महिलाएं व पुरुष एकत्र हो गए और पुलिस व अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की कर शिक्षक को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन बाद में पुलिस में समझा-बुझाकर मामले को शांत करा दिया।

झांसी: आरोपित मदरसा शिक्षक (लाल घेरे में) को हिरासत में लेकर जाती जांच टीम का रास्ता रोकती भीड़। -जागरण
हंगामा की सूचना मिलने पर भारी मात्रा में पुलिस बल व अधिकारी पहुंच गए। दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत के बाद अधिकारी खाली हाथ लौट आए। उधर, दोनों पक्षों में हुए समझौते के तहत मुस्लिम समुदाय के कद्दावर लोगों ने स्वयं शिक्षक को पीछे के रास्ते से मस्जिद से बाहर निकाला और पुलिस के सुपुर्द कर दिया। एनआइए, एटीएस व पुलिस की इस कार्यवाही से क्षेत्र में तनाव है। एहतियात के लिए वहां पर पुलिस तैनात कर दी गई है।
कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित अलीगोल खिड़की बाहर सलीम बाग निवासी मुफ्ती खालिद नदवी मदरसे में शिक्षक होने के साथ ही अपना निजी इस्लामिक कोचिंग सेंटर चलाते हैं। उनके चाचा मुफ्ती साबिर शहर काजी है। इस कोचिंग सेंटर द्वारा जिले के ही नहीं, सम्पूर्ण भारत के विभिन्न शहरों व विदेशों के बच्चों को ऑनलाइन व ऑफलाइन दीनी तालीम दी जाती है।
गुरुवार की सुबह लगभग 2 बजे एनआइए व एटीएस की टीम कोतवाली पुलिस के साथ मुकरयाना में छोटी मस्जिद के पास रहने वाले मुफ्ती साबिर के घर पहुंची। वहां कुछ देर पूछताछ करने के बाद लगभग 3 बजे दोनों टीमें खालिद नदवी के घर पहुंच गई।
घर को अन्दर से बन्द कर लिया गया। जांच एजेंसियों के आने और बन्द घर में पूछताछ किए जाने की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और खालिद के घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा होने लगी। बाहर खड़े दोनों एजेंसियों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अन्दर हो रही गतिविधियों के बारे में किसी प्रकार की जानकारी होने से इंकार कर दिया। उधर घर के अन्दर 6 सदस्यीय टीम ने लगभग 8 घण्टे तक पूछताछ की।
भीड़ ने घेरा और धक्का-मुक्की की
पूर्वाह्न लगभग 11 बजे दरवाजा खुला और एनआइए व एटीएस के अधिकारी मुफ्ती खालिद को लेकर बाहर निकले। अधिकारियों के हाथों में घर से बरामद किया गया लैपटॉप, कुछ किताबें व अन्य सामान था। खालिद को हिरासत में ले जाते हुए देख घर के बाहर जमा लोग उग्र हो गए और टीम का रास्ता रोककर उसे गिरफ्तार करने की वजह पूछने लगे।
एनआइए के डिप्टी एसपी ने बताया कि कुछ पूछताछ होनी है, इसलिए उन्हें पुलिस लाइन ले जाया जा रहा है। वहां पूछताछ के बाद यदि सब क्लियर हो गया तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा। लेकिन भीड़ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी। उन्होंने दोनों टीमों के अधिकारियों व मौजूदा पुलिस कर्मियों की घेराबन्द कर धक्का-मुक्की शुरू कर दी।
मस्जिद से हुआ एलान, गलियों में उतरे सैकड़ों लोग
इसी दौरान भीड़ में मौजूद किसी शख्स ने मौलवी को मस्जिद से एलान कर और लोगों बुलाने के लिए कहा। एलान होते ही सैकड़ों की तादात में महिलाएं व पुरुष एकत्र हो गए और बाहर जाने वाले सभी रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। घर में छापा क्यों पड़ा, क्या-क्या बरामद हुआ और खालिद को किस आरोप में गिरफ्तार किया जा रहा है? इन सवालों के जवाब उग्र भीड़ चाहती थी। अधिकारी बार-बार समझाने का प्रयास कर रहे थे, मगर भीड़ उग्र होती गई।
कई दौर की बातचीत के बाद वापस हुई पुलिस
दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत के बाद पुलिस के अधिकारी, एनआइए व एटीएस की टीमें घटनास्थल से वापस चली गई। इसके बाद भी भीड़ मस्जिद को घेरे रही। कुछ देर बाद मालूम हुआ कि मुफ्ती खालिद को किसी अन्य रास्ते से मस्जिद से निकालकर उनके समाज के कुछ कद्दावर लोगों ने पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उन्होंने शर्त रखी थी कि खालिद से पूछताछ उन लोगों के सामने हो। यदि वह निर्दोष पाए जाएं तो उन्हें छोड़ दिया जाए। पुलिस उन्हें लेकर पहले एसएसपी ऑफिस पहुंची और वहां से पूछताछ के लिए एनआइए व एटीएस उन्हें पुलिस लाइन ले गई।
यह बोले मुफ्ती खालिद
मुफ्ती के घर विदेशी फण्डिंग के मामले में मारे गए इस छापे के बाद जब खालिद को हिरासत में ले जाया जा रहा था तो उन्होंने बताया कि वह मदरसे में पढ़ाने के साथ ही देश व विदेश के बच्चों को ऑनलाइन व ऑफलाइन दीनी तालीम देते हैं। वह उर्दू और अरबी भी पढ़ाते हैं। इसके एवज में वह निर्धारित शुल्क भी लेते हैं जो ऑनलाइन आता है।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान जांच टीम के सदस्यों ने सबसे पहले पूरे घर की तलाशी ली। अलमारियों में रखीं इस्लामिक किताबों के बारे व उनके राइटर एवं विषयों के बारे में पूछताछ की। टीम ने उनका पासपोर्ट व वीजा भी जब्त कर लिया। वह अक्टूबर में हज करने अरब गए थे। उसके बारे में भी पूछताछ हुई। जांच के दौरान उनके वॉटएसेप को चेक कर उसमें बने ग्रुप की जानकारी ली और मोबाइल नंबरों के बारे में भी पूछताछ की।
फोन में अधिक ग्रुप होने पर सन्देह किया तो बताया गया कि वह ऑनलाइन क्लास करते हैं उसके लिए कई ग्रुप बनाए गए हैं। टीम ने छात्रों के एडमिशन फार्म व अन्य दस्तावेज भी देखे ओर उनके सभी सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाले। खालिद ने बताया कि वह लगभग 11 साल से पढ़ा रहे हैं। इसके लिए वह प्रत्येक बच्चे से 50 रुपए से 2 हजार रुपए तक शुल्क लेते हैं। टीम द्वारा विदेशी फण्डिंग होने एवं बाहर रुपए ट्रांस्फर करने के सवाल पर वह जवाब नहीं दे सके। इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस लाइन ले जाया जा रहा था।
शहर काजी ने कहा- 'मेरा भतीजा है खालिद'
शहर काजी मुफ्ती साबिर ने बताया कि मुफ्ती खालिद नदवी उनका भतीजा है। वह ऑनलाइन व ऑफलाइन दीनी तालीम देता है। उन्हें उर्दू और कुरान-ए-करीम की शिक्षा देता है। गुरुवार की रात 3 बजे टीम आई और घंटों पूछताछ के बावजूद जब कुछ नहीं मिला तो उसे पुलिस लाइन ले जाने लगे। उन्होंने कहा कि जनता ने जब उनसे यहीं पूछताछ करने की बात कही तो जांच टीमों के अधिकारी नहीं माने।
(डिस्क्लेमर: इस खबर को प्राथमिक सूचना के आधार पर पब्लिश किया गया था। पुलिस की आधिकारिक सूचना के बाद हमने खबर में कुछ तथ्यात्मक अपडेट किए हैं। जागरण डॉट कॉम खबरों की सत्यता को लेकर सदैव सजग रहा है। हम अपने पाठकों तक तथ्यात्मक और पुष्ट जानकारी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।)


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