जागरण संवाददाता, मोनो शिवपुरी (झांसी)। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल ने कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एक ऐतिहासिक और राहतभरा निर्णय लिया है। अब बोर्ड परीक्षा में फेल होने या परीक्षा से वंचित रह जाने वाले छात्र-छात्राओं को साल में ही दूसरा मौका मिलेगा। इससे हजारों विद्यार्थियों को न केवल निराशा से उबरने का मौका मिलेगा बल्कि उनकी शिक्षा में भी नया आत्मविश्वास जगेगा।
मण्डल द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में और दूसरी जुलाई-अगस्त के बीच होगी। इसमें पहली परीक्षा में असफल रहे विद्यार्थी, दूसरी बार परीक्षा देकर उत्तीर्ण हो सकेंगे।
एक-दो विषय में फेल होने पर दी जाती थी सप्लीमेंट्री
सप्लीमेंट्री की व्यवस्था खत्म इस नई योजना के अंतर्गत पूरक परीक्षा (सप्लीमेंट्री) की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। पहले एक-दो विषय में फेल होने पर सप्लीमेंट्री दी जाती थी, लेकिन अब सभी विषयों में फेल होने पर भी विद्यार्थियों को दूसरा मौका मिलेगा।
खास बात यह है कि द्वितीय अवसर में पास होने के बाद विद्यार्थियों की अंकसूची में ‘पूरक’ का कोई उल्लेख नहीं होगा, केवल परीक्षा का महीना व वर्ष दर्ज होगा।
पालक मुकेश सेन ने कहा, “फेल होने पर बच्चे मानसिक रूप से टूट जाते हैं, लेकिन यह निर्णय विद्यार्थियों को नया हौसला देगा। सप्लीमेंट्री का ठप्पा अब नहीं लगेगा, यह और भी बेहतर बात है।”
वहीं बोर्ड परीक्षा समन्वयक पीपी पाण्डे ने कहा, “अब सभी विद्यार्थियों को द्वितीय अवसर की पात्रता मिलेगी, लेकिन इससे उत्तीर्ण विद्यार्थी मेरिट सूची के लिए पात्र नहीं होंगे।”
डीईओ ने कहा, “यह फैसला उन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा जो किसी कारणवश पहली बार परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते या फेल हो जाते हैं। इससे पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी।”
‘रूक जाना नहीं’ की राह पर नई नीति
अब तक केवल ‘रूक जाना नहीं’ योजना के तहत ही कुछ विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलता था, लेकिन अब यह नीति हर परीक्षार्थी पर लागू होगी। यह बदलाव शिक्षा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को हार मानने की बजाय खुद को सुधारने का मौका मिलेगा।
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