बीमा पॉलिसी को लैप्स बताकर पैसे ना देना पड़ा भारी, अब LIC को भरनी होगी ये बड़ी पेमेंट
बीमा कंपनी ने पालिसी को लैप्स बताकर बीमित राशि का भुगतान नहीं किया, लेकिन उपभोक्ता फोरम ने भारतीय जीवन बीमा निगम को दो लाख रुपये का बीमा दावा और पांच हजार रुपये का अतिरिक्त भुगतान करने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, झांसी : बीमा पालिसी को लैप्स बताकर बीमित राशि का भुगतान नहीं करना भारतीय जीवन बीमा निगम को भारी पड़ गया। उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को बीमा दावा के दो लाख रुपये के साथ ही पांच हजार रुपये अतिरिक्त भुगतान का आदेश दिया है।
दो माह के अंदर दो लाख रुपये और सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ पीड़ित को भुगतान करने का आदेश दिया गया है। झोकनबाग निवासी रुचि नागपाल ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर कर बताया कि उसके पति अरुण नागपाल ने एलआइसी चाइल्ड करियर प्लान लिया था, जिसमें बीमित राशि दो लाख रुपये थी।
2016 में नहीं जमा हो सकी प्रीमियम राशि
दिसंबर 2016 में प्रीमियम राशि जमा नहीं हो सकी। 3 फरवरी 2017 को पति की मृत्यु के बाद रुचि ने बीमा कंपनी को बकाया राशि जमा करते हुए पालिसी बंद करने और बीमित राशि के भुगतान की मांग की। बीमा कंपनी ने पालिसी को लैप्स (कालातीत) बताते हुए भुगतान से मना कर दिया था।
आयोग के अध्यक्ष अमरपाल सिंह, सदस्य ज्योतिप्रभा जैन एवं देवेश अग्निहोत्री ने भारतीय जीवन बीमा निगम के प्रबंधक को आदेश दिया कि दो माह के अंदर दो लाख रुपये और सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ पीड़ित को भुगतान किया जाए। साथ ही हर्जाने के रूप में पांच हजार रुपये अलग से चुकाने का आदेश दिया गया है।

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