झांसी में फैली बांध फटने की अफवाह, ग्रामीणों में दहशत; घरों को छोड़ भागे
झांसी में कुडार बांध फटने की अफवाह से ग्रामीणों में दहशत फैल गई और वे अपने घरों को छोड़कर भाग गए। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी अधिकारी कई घंटों तक नहीं पहुंचे। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और बांध का निरीक्षण किया। बांध का जलस्तर बढ़ने से यह अफवाह फैली। ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग की है।

जासं, (झांसी)। पिछले कई दिनों से हों रही मूसलाधार बारिश ने किसानों के खेतों सहित नदी, तालाबों को भरकर पूरा जलमग्न कर दिया। खेतों के जलमग्न होने से किसानों को भरण-पोषण की चिंता सता रही। तो वहीं तालाबों के समीप रहने वाले गांवों पर जान-माल का खतरा मंडरा रहा है। कुडारबांध का जलस्तर बढ़ा हुआ है।
ग्रामीणों में बांध फटने का भय है। वहीं ग्रामीणों ने इसके सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। उनका आरोप हैं कि उनकी सूचना को गंभीरता से नहीं लिया गया। एक तरफ सिंचाई विभाग को शासन ने अलर्ट मोड रखा हुआ है। बता दें कि बांध फटने कि आशंका से आतंकित मथुपुरा के सैकड़ों संख्या में पुरुष, महिलाएं, बच्चों सहित सभी अपना-अपना घर छोड़कर बांध पर पहु़ंच गए l
ग्रामीण वहां घंटों सिंचाई विभाग के अधिकारियों की राह देखते रहे। ग्रामीणों को अनहोनी का भय सताने लगा। ग्रामीणों ने कहा कि अगर बांध को कुछ होता है, तो चंद सेकेंडो में बांध से सटे गांवों को अपने साथ बहा ले जाएगा। सब कुछ तबाह हो जाएगा। ग्रामीणों ने कहा की इस भारी मूसलाधार बारिश होने पर भी इस बांध में कोई कर्मचारी तैनात नहीं। आखिर सरकार ग्रामीणों के साथ इतनी लापरवाही और अनदेखी क्यों कर रही हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें मुआवजा दे कर कही दूसरी विस्थापित कर दिया जाये। ताकि यहां के लोग सुरक्षित रह सके। कई घंटों के इंतजार के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे l तब तक इस बांध के नजदीक के मथुपुरा, ढकरवाहा, पठा, घाटकोटरा आदि गांवों से भारी तादाद में ग्रामीण बांध पर एकत्रित हो गए।
मऊरानीपुर से 16 किमी दूर मथुपुरा के पास कुडारबांध बना हुआ है। पहली बार बांध पूरी तरह से भरा हुआ है। बताया गया कि बांध के गेटों के पास जहां पर खंडों की दीवाल बनायी गयी है, उसमें से तेजी से पानी निकल रहा है, जिससे ग्रामीण भयभीत हो गये। इस दाैरान राघवेंद्र सिंह सेंगर, सचिनसिंह झौरिया, कहरसिंह, विक्रमसिंह, महेंद्र भदौरिया, अखिलेश कुशवाहा, कैलाश यादव, राधे नापति, कमलेश अहिरवार, कुवरलाल पाल, देवेंद्र अहिरवार, संजू अहिरवार, गोविंद अहिरवार आदि ग्रामीण मौजूद थे।
मथूपुरा प्रधान बालमुकुंद ने बताया कि गांव की लगभग तीन हजार की आबादी है। कुडारबांध के भराव क्षेत्र में यह गांव आता है। बताया कि बांध के फाटकों के बगल में जो खंडा,पत्थर की दीवाल बनायी गयी है। उसमें से पानी का रिसाव ज्यादा मात्रा में हो रहा है। प्रधान का कहना था कि मिटटी की बंक के अंदर से पानी आ रहा है। तेजी से पानी निकलने के चलते इसके क्षतिग्रस्त होने की आशंका बनी हुयी है।
उपजिलाधिकारी अजय यादव ने बताया कि सपरारबांध के एक्सीशियन राजेशसिंह व अन्य अधिकारी मौके पर पहुच गये है। कुडाबांध के सभी फाटकों को दो-दो फुट ऊंचा खोल दिया गया है। जिससे पानी निकल सके। पहली बार बांध पूरी तरह से भरा है। बांध में कोई दिक्कत नहीं है। टैक्नीकल समस्या कोई है, तो उसके लिये सिंचाई विभाग के अधिकारी डेरा डाले हुये है।
सिंचाई विभाग के एक्सीशियन राजेश सिंह ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों समझाया कि बांध के गेट खोल दिये गये है। इसकी क्षमता देखकर इसको खाली किया जायेगा या भरा जायेगा। बांध पर कर्मचारियों की तैनाती है, लापरवाही बरतने वालों पर कार्यवाही की जायेगी।
कुरारबांध में जलप्रवाह बढ़ा
मथूपुरा की कुडार नदी एवं बडागांव की सिजार नदी के किनारे रहने वाले ग्रामीणों से सावधानी बरतने के साथ सतर्क रहने को कहा गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते मथुपुरा ग्राम के पास बने कुरारबांध में जलप्रवाह बढ़ गया है। जिससे बांध का जलस्तर बढ़कर 209.60 मीटर तक पहुंच जाने से बांध की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले गेट को 0.30 तथा दूसरे फाटक को 0,60 सेन्टीमीटर की ऊंचाई तक खोलकर 2028 क्यूसेक पानी को निकाला जा रहा है।
कुडार नदी में जल का बहाव लगातार बढ़ रहा है। यह जानकारी अधिशासी अभियंता, मौदहा बांध निर्माण खंड, महोबा ने देते हुए बताया कि नदी किनारे बसे ग्रामों से निवासियों, चरवाहों व मछुआरों से नदी के पानी से दूर रहें।
इसी तरह सिजार बांध पर तैनात गेटमैन रामसिंह पाल बड़ागांव ने बताया कि बांध का वर्तमान में जलस्तर 208.30 मीटर दर्ज किया गया है। जबकि फुल रिजर्व लेवल 209.55 मीटर है। जिससे सिजार बांध की स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है। अधिक बरसात का पानी डैम में आने की स्थिति में फाटक भी खोले जा सकते है। जिससे डैम के निचले स्तर पर बसे ग्रामीणों से सचेत रहने को कहा गया है।
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