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    झांसी में बिजली बिल में नाम बदलकर बनाई फर्जी फर्म, महिला ने 73 लाख के टैक्स का लगाया चूना

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 12:21 AM (IST)

    एक फर्म की संचालिका ने बिजली के बिल में छेड़छाड़ कर लाखों रुपये की टैक्स चोरी की। मामले के सामने आने पर कोतवाली पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, झांसी। एक फर्म की संचालिका ने बिजली के बिल से छेड़छाड़ कर लाखों रुपये की टैक्स चोरी कर डाली। मामला सामने आने के बाद फर्म संचालिका के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह फर्म फर्जी पते पर बनाई गई थी और इसके लिए दूसरे के बिजली बिल का इस्तेमाल किया गया था।

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    राज्य कर कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक देवेन्द्र पटेल ने बताया कि जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर पुनीत अग्निहोत्री ने मेसर्स काजल इंटरप्राइजेज के अभिलेखों की जांच की। इसमें सामने आया कि फर्म ने खरीद-फरोख्त के लिए इस वर्ष 10 अप्रैल को पंजीयन प्राप्त किया था। इसी बीच करीब 72.72 लाख रुपये के टैक्स में हेराफेरी का संदेह हुआ।

    नहीं लगी भनक

    सत्यापन के लिए एक टीम कंपनी के अभिलेखों में दर्ज पते पर जांच करने अलीगोल खिड़की इलाके में पहुंची तो जिस व्यक्ति के नाम पर फर्म पंजीकृत थी, उसे भनक तक नहीं थी। उसने बताया कि वर्ष 2021 में उसके बिजली बिल का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा किया गया। कपड़े का व्यापार करने वाली फर्म को अलीगोल खिड़की के रहने वाले एक व्यक्ति के पते पर दिखाया गया।

    इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन काजल नाम की महिला के नाम है। हैरान करने वाली बात यह रही कि फर्म को 2021 के बिजली के बिल के आधार पर रजिस्टर्ड कराया गया, जिसमें उक्त व्यक्ति की कस्टमर आइडी सही थी, लेकिन उनके नाम की जगह काजल नाम दर्ज था। जांच में भी पाया गया कि बिजली बिल में छेड़छाड़ कर नाम बदला गया गया है।

    चार करोड़ रुपये का था सालाना कारोबार

    काजल इंटरप्राइजेज नामक फर्जी फर्म ने कपड़ा कारोबार करने के लिए सेंट्रल जीएसटी में पंजीयन कराया था। इसका करीब चार करोड़ रुपये का सालाना कारोबार था। यह फर्म खरीद के सापेक्ष काफी अधिक बिक्री कर रही थी। जांच में सामने आया कि ऐसी कंपनी से आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम प्राप्त कर लिया, जिसका पहले ही पंजीयन निरस्त किया जा चुका था।