दया आई न शर्म… पीपल के पेड़ पर चलवा दी आरी, बसेरा बनाए पक्षियों के 300 बच्चों की मौत, वजह सिर्फ थी इतनी!
झांसी में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना में कारों को पक्षियों की बीट से बचाने के लिए 40 साल पुराने पीपल के पेड़ को काट दिया गया। इस घटना में 300 से अधिक पक्षी बच्चों की मौत हो गई और 500 अंडे नष्ट हो गए। वन विभाग ने 200 से अधिक पक्षी बच्चों को बचाया और पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

जागरण संवाददाता, झांसी। कारें बीट (पक्षियों का मल) से गंदी न हों, इसके लिए कुछ लोगों ने 40 वर्ष पुराने पीपल के पेड़ के साथ ही उसमें आसरा लिए सैंकड़ों पक्षियों की जिंदगी पर भी कुल्हाड़ी चला दी।
पेड़ के साथ इंसानियत भी शर्मसार होकर धराशाई हो गई, जब डालियों के बीच पक्षियों के 300 से अधिक बच्चों के शव जहां-तहां बिखरे मिले। मौके पर वन विभाग की टीम के साथ ही समाजसेवियों ने रेस्क्यू कर 200 से अधिक पक्षियों के बच्चों को बाहर निकाला और सिमरधा बांध पर छोड़ा। वन विभाग ने वन संरक्षण व वन्य जीव अधिनियम में पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया है।
प्रेमनगर क्षेत्र स्थित प्यारे लाल का हाता में पीपल का पेड़ लगा हुआ था। इस विशालकाय वृक्ष पर कई प्रजाति के बड़ी तादाद में पक्षियों ने अपना घोंसला बना लिया था। घोसलों में पक्षियों के अलावा छोटे-छोटे बच्चे व अंडे भी थे।
बताया जा रहा है कि इस पेड़ के आसपास रहने वाले यहां गाड़ियां खड़ी करते थे। पक्षी की बीट से गाड़ियां गंदी हो जाती थीं। इसी परेशानी से मुक्ति पाने के लिए रविवार को पेड़ को काट डाला।
कटे पेड़ से दबकर जहां लगभग पक्षियों के 300 बच्चों की मौत हो गई। वहीं, पक्षियों के लगभग 500 अंडे भी टूट गए। रेक्स्यू के दौरान कई बच्चे घायल मिले, जिनका मौके पर उपचार कराया गया।
प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार आर्य ने बताया कि पेड़ काटने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मामले में सख्त कार्यवाही कराए जाएगी।
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