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    झांसी में धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में उमड़ा जनसैलाब, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहुंचे; लिए दो बड़े संकल्‍प

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 09:11 PM (IST)

    शिवपुरी में बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। कथा में 108 फीट ऊंची शिव प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लिया गया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। दिव्य दरबार में शास्त्री जी ने श्रद्धालुओं की समस्याओं का समाधान किया और 30 नवंबर को फिर से दरबार लगाने की घोषणा की। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिव प्रतिमा के लिए भूमि पूजन का वादा किया।

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    श्रीमद् भागवत कथा में भाव-विभोर हुआ जनसैलाब। आर्काइव

    जागरण संवाददाता, शिवपुरी। शिवपुरी जिला मुख्यालय की पावन धरा इन दिनों धर्म, भक्ति और आध्यात्मिक चेतना के अद्भुत प्रकाश से आलोकित हो रही है। श्रीबागेश्वरधाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पावन सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा न केवल शिवपुरी, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश और देश भर में श्रद्धा का केन्द्र बन गई है। इस ऐतिहासिक आयोजन में वह संकल्प भी सामने आया जिसने श्रद्धालुओं के हृदय को गहरे तक छू लिया। कथा स्थल से यह घोषणा हुई कि शिवपुरी में 108 फीट ऊंची भगवान शिव की भव्य और दिव्य प्रतिमा की स्थापना की जाएगी, साथ ही भविष्य में शास्त्री के सानिध्य में पुनः विशाल कथा आयोजन भी होगा।

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    इस पावन अवसर पर गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विशेष रूप से उपस्थित हुए। उन्होंने विधिवत आरती कर पूज्य शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके संकल्पों को साकार करने का वचन दिया। केन्द्रीय मंत्री लगभग एक घण्टे तक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग का श्रवण करते रहे। उनकी उपस्थिति से पूरा कथा परिसर भक्ति और भावुकता के रंगों में रंग गया। कथा के मुख्य यजमान परिवार की ओर से उनका पुष्पहार से स्वागत कर आभार प्रकट किया गया, जिस क्षण समूचा परिसर श्रद्धालुओं की मोबाइल लाइटों से जगमगा उठा और वातावरण “जय कन्हैया लाल की” के जयघोष से गूंज उठा।

    श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग आते ही पूरा पण्डाल “ननद के आनन्द भयो” के कीर्तन से झूम उठा। महाराज की गोद में नन्हें बालक को श्रीकृष्ण स्वरूप मानकर सभी श्रद्धालुओं को दर्शन कराए गए और प्रसाद स्वरूप मिष्ठान वितरित हुआ। हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तों की आंखों में श्रद्धा के अश्रु और चेहरे पर अनुपम शांति दिखाई दी। महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण कर नृत्य-संगीत के साथ जन्मोत्सव को उल्लास से मनाया। मंच और समूचे परिसर को आकर्षक सजावट, गुब्बारों और श्रीकृष्ण के बालरूप के बैनर-पोस्टरों से सुसज्जित किया गया।

    कथा के चतुर्थ दिवस पर शास्त्री के दिव्य दरबार का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं की समस्याओं का मंच से ही समाधान किया गया। बिना किसी पूर्व जानकारी के देश-प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आए लोगों को नाम लेकर पुकारा गया। किसी की पारिवारिक पीड़ा, किसी पर ऋण का बोझ, तो किसी पर प्रेत बाधा की आशंका—हर समस्या का समाधान मंत्रोच्चारण और विधि-विधान से किया गया। कई श्रद्धालु अपने दर्द को साझा करते हुए रो पड़े, जिन्हें सांत्वना और उचित मार्गदर्शन दिया गया। दिव्य दरबार में शास्त्री ने आस्था से जुड़ी एक विशेष बात भी कही। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को दो दिनों तक सपने में बंदर दिखाई दें, समझ लें कि उनकी अर्जी स्वीकार हो चुकी है। साथ ही 30 नवंबर को पुनः एक दिवसीय दिव्य दरबार आयोजित होने की घोषणा की गई। श्रद्धालुओं से अपने साथ नारियल और लाल वस्त्र लाने का आग्रह किया गया, ताकि तंत्र-मंत्र एवं नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के विशेष उपाय किए जा सकें।

    आज 28 नवंबर को वृद्धजनों के लिए कथा स्थल पर आगे की दोनों डी में पृथक और सुव्यवस्थित बैठक व्यवस्था की गई है, ताकि माताएं-बहनें और बुजुर्ग श्रद्धालु सहजता से कथा श्रवण कर सकें। पूज्य महाराज द्वारा वृद्धजनों से विशेष आरती भी कराई जाएगी। इस अवसर पर हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के माध्यम से प्रेत बाधा से ग्रसित श्रद्धालुओं को शांति प्रदान की गई। समूचा शिवपुरी इन दिनों भक्ति, विश्वास और करुणा के अद्भुत संगम का साक्षी बन रहा है। श्रीमद् भागवत कथा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि वह आध्यात्मिक यात्रा बन गई है जिसने हजारों दिलों में आशा, शक्ति और श्रद्धा का नया दीप प्रज्ज्वलित कर दिया है।

    शिवपुरी में 108 फीट शिव प्रतिमा और 12 ज्योतिर्लिंगों के निर्माण का संकल्प

    शिवपुरी : श्रीमद् भागवत कथा के पावन श्रृंखलाबद्ध आयोजन के चौथे दिन गुरुवार को शिवपुरी की भूमि पर एक ऐसा क्षण उपस्थित हुआ, जिसने पूरे परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा और भावनाओं के अद्भुत संगम से भर दिया। कथा स्थल पर गुरुवार का दिन उस समय ऐतिहासिक बन उठा जब कथा वाचक बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के मंच पर केन्द्रीय मंंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहुंचकर आशीर्वाद लिया।

    कथा स्थल पर पहुंचते ही सिंधिया का स्वागत स्वयं महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने शाल और पुष्पमालाओं से किया। पूरे वातावरण में जय-जयकार की गूंज और भक्ति की उमंग का स्वर एक साथ उठ खड़ा हुआ। मंच पर उपस्थित श्रद्धालु उस क्षण के साक्षी बने जब महाराज ने शिवपुरी के लिए एक विशाल आध्यात्मिक संकल्प प्रस्तुत किया। धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने केन्द्रीय मंत्री सिंधिया से कहा कि शिवपुरी का नाम स्वयं भगवान शिव के नाम से अलंकृत है, इसलिए यह नगर भगवान शिव की भव्यता को दर्शाने वाला होना चाहिए।

    उन्होंने भावपूर्ण आग्रह रखा कि शिवपुरी में 108 फीट ऊँची विशाल शिव प्रतिमा और साथ ही 12 ज्योतिर्लिंगों सदृश मंदिरों का निर्माण होना चाहिए, जिससे यह पवित्र नगरी शिवभक्ति का वैश्विक केंद्र बन सके। महाराज की इस माँग को सुनकर केन्द्रीय मंंत्री सिंधिया ने बिना एक पल गँवाए घोषणा की कि महाराज का आदेश उनके लिए आशीर्वाद के समान है और इस अद्वितीय धार्मिक परियोजना को साकार करने के लिए वर्ष 2026 में शुभ मुहूर्त निकलवाकर भूमि पूजन किया जाएगा। सिंधिया ने कहा कि शिवपुरी, जहाँ शिव की महिमा हर पत्थर में बसी है, वहां ऐसी भव्य प्रतिमा और ज्योतिर्लिंग परिसर का निर्माण शिवपुरी की आध्यात्मिक पहचान को और भी ऊंचाई देगा।

    महाराज ने भी भावनाओं से भरे स्वर में कहा कि जिस दिन शिवपुरी में शिव प्रतिमा और 12 ज्योतिर्लिंगों का कार्य प्रारंभ होगा, वे स्वयं दूसरी बार यहां आकर कथा करने के लिए पधारेंगे। उन्होंने कहा कि शिवपुरी केवल नाम से नहीं बल्कि स्वरूप से भी शिव की नगरी कहलाने का अधिकार रखती है और अब वह समय आ गया है कि इस नगरी को उसका वास्तविक दिव्य स्वरूप प्राप्त हो। कथा स्थल पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने इन घोषणाओं का स्वागत तालियों की गड़गड़ाहट, जयघोष और भक्ति भाव से किया। यह क्षण शिवपुरी की धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा में मील का पत्थर बन गया, जिसने आस्था और प्रशासन की संयुक्त शक्ति को एक नए रूप में सामने रखा।

    नियमित कथा सुन रहे केपी सिंह

    शिवपुरी : पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पावन सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में इन दिनों भक्ति, श्रद्धा और भावनाओं का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। इस दिव्य आयोजन में पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता केपी सिंह भी निरंतर भाग लेकर कथा का रसपान कर रहे हैं। कथा स्थल पर उनकी उपस्थिति भक्तों के लिए विशेष आकर्षण बनी हुई है। ईश्वर भक्ति में लीन होकर वे कथा के प्रत्येक प्रसंग को अत्यंत श्रद्धा और भावुकता के साथ आत्मसात करते दिखाई दे रहे हैं।

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