झाँसी के 8 किले बनेंगे पर्यटन के नये केन्द्र
- मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने दिए बुन्देलखण्ड के 31 किलों का जीर्णोद्धार कर हेरिटेज होटल के रूप म ...और पढ़ें

- मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने दिए बुन्देलखण्ड के 31 किलों का जीर्णोद्धार कर हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने के निर्देश
झाँसी : दशकों तक उपेक्षा का शिकार रहे बुन्देलखण्ड को पिछले दिनों बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का उपहार देने वाली योगी सरकार ने इस अंचल के लिए अब एक और महत्वपूर्ण निर्णय किया है। ऐतिहासिक-सांस्कृतिक धरोहर से सम्पन्न इस क्षेत्र को पर्यटन का गढ़ बनाने की तैयारी है। इसके लिए मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने बुन्देलखण्ड के छोटे-बड़े कुल 31 किले और दुर्ग को पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है।
हमारे लखनऊ कार्यालय के अनुसार मुख्यमन्त्री ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर बुन्देलखण्ड के पर्यटन विकास के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण देखा। सभी स्थलों की वर्तमान स्थिति और विकास की सम्भावनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि बुन्देलखण्ड का पूरा क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से सम्पन्न है। झाँसी, बाँदा, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट में ऐतिहासिक स्मृतियों को सँजोए अनेक प्राचीन दुर्ग, किले और गढ़ हैं। हमें नई पीढ़ी को इनके महत्व से परिचित कराना चाहिए। इस सम्बन्ध में व्यवस्थित काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन प्राचीन किलों व दुर्गो का जीर्णोद्धार करके पर्यटन के नए केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। विशाल परिसर वाले कई किले अपनी भव्यता के साथ बेहतरीन होटल के रूप में तैयार हो सकते हैं। हमें इन सम्भावनाओं पर आगे बढ़ना होगा। मुख्यमन्त्री ने कहा कि कलिजर का किला 542 हेक्टेयर परिक्षेत्र में फैला है। यहां निजी क्षेत्र की सहभागिता से लाइट एण्ड साउण्ड शो, कैम्पिग-ट्रैकिग, रॉक क्लाइम्बिग और फसाड लाइटिग का काम कराया जाए।
झाँसी के किले के महत्व पर चर्चा करते हुए मुख्यमन्त्री बोले कि यहाँ काफी पर्यटक आते हैं। पास में ही बरुआ सागर किला है। वहां तक जाने के लिए सुगम साधन की आवश्यकता है। वहीं, 12 एकड़ परिसर वाले टहरौली किला, 4 एकड़ परिसर की दिगारा की गढ़ी, चिरगाँव का किला, लोहागढ़ का किला, चम्पत राय का महल और रघुनाथ राव के महल की स्थिति जीर्णशीर्ण हो रही है। इनके पुनरोद्धार के लिए ठोस प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बरूआसागर किला, टहरौली किला, दिगारा की गढ़ी, चम्पत राय का किला, महल महिपाल निवास, सरीला और रघुनाथ राव के महल को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित कर फसाड लाइटिग की जाए। बरुआसागर के पास और तालबेहट किले के नीचे स्थित झीलों पर वाटर स्पोर्ट्स, एडवेंचर टूरि़ज्म की गतिविधियाँ शुरू करें। इसी तरह मड़ावरा (ललितपुर) के किले और सौराई के किले पर पर्यटन की ²ष्टि से पहुँच मार्ग, साइनेज और पेयजल व्यवस्था को बेहतर करें। देवगढ़ (ललितपुर) परकोटे के नीचे बेतवा नदी में वॉटर स्पोर्ट की सम्भावनाएं हैं। महावीर स्वामी अभयारण्य और बानपूर्वक किले पर ईको-टूरि़ज्म को विकसित किया जाए। एएसआइ द्वारा संरक्षित तालबेहट दुर्ग की स्थिति बहुत अच्छी है। इस किले तक पहुँचने के लिए सम्पर्क मार्ग को बेहतर करने और प्रकाश आदि की व्यवस्था को दुरुस्त का निर्देश दिया गया। चरखारी स्थित मंगलगढ़ किले को निजी क्षेत्र की सहभागिता से हेरिटेज होटल और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिहाज से विकसित करने, जबकि मस्तानी महल, बेलाताल पर कैफेटेरिया की सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इन सभी पर काफी टेबिल बुक भी तैयार करने का निर्देश दिया है।
प्रफेशनल एजेंसी से अध्ययन और पीपीपी मोड पर विकास
योगी ने कहा है कि बुन्देलखण्ड में किलों, दुर्गो व गढ़ों के जीर्णोद्धार के लिए पीपीपी मोड अपनाया जाना चाहिए। कॉरपोरेट सोशल रेस्पौंसिबिलिटी (सीएसआर) भी उपयोगी हो सकता है। जरूरत के अनुसार राज्य सरकार द्वारा भी वित्त पोषण किया जाएगा। यहाँ पर्यटन की सम्भावनाओं को आकार देने के लिए प्रफेशनल एजेंसी द्वारा अध्ययन कराया जाएगा। उसके आधार पर कार्ययोजना बनाई जाएगी। सीएम ने कहा है कि पर्यटन, संस्कृति, ग्राम्य विकास, नगर विकास, परिवहन, नागरिक उड्डयन, खेल, गृह, औद्योगिक विकास और जलशक्ति विभाग की समन्वित भूमिका महत्वपूर्ण होगी। कार्ययोजना तैयार करते समय सभी विभागों की भूमिका और उनके काम की समय सीमा तय होनी चाहिए।
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जिले और किले
झाँसी : 8
ललितपुर : 7
जालौन : 2
बाँदा : 4
हमीरपुर : 3
महोबा : 5
चित्रकूट : 2

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