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    घर बैठे होगा भवन का नामान्तरण

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 03 Mar 2019 07:19 PM (IST)

    0 अभी तक नगर निगम में ऑनलाइन जमा हो रहा गृहकर 0 शासन ने एक अप्रैल से ऑनलाइन भवन नामान्तरण के दिए ...और पढ़ें

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    घर बैठे होगा भवन का नामान्तरण

    0 अभी तक नगर निगम में ऑनलाइन जमा हो रहा गृहकर

    0 शासन ने एक अप्रैल से ऑनलाइन भवन नामान्तरण के दिए आदेश

    झाँसी : नगर निगम में अभी तक गृहकर जमा करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था चल रही है। इस व्यवस्था से गृहकर जमा करने वालों की संख्या भी निरन्तर बढ़ रही है। शासन ने अब भवन नामान्तरण की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन करने के आदेश कर दिए हैं। 1 अप्रैल से नामान्तरण की प्रक्रिया भी पूरी तरह से ऑनलाइन होने जा रही है।

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    अगर आपको अपने भवन का नामान्तरण करना है, तो इसके लिए नगर निगम के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जाँच कर रिपोर्ट देंगे और सब कुछ ठीक मिलने पर 45 दिन के अन्दर भवन का नाम परिवर्तित हो जाएगा। शासन ने सभी नगर निगम को यह प्रक्रिया हर हालत में 1 अप्रैल से शुरू करने के आदेश दिए हैं। अभी तक भवन नामान्तरण के लिए आवेदन-पत्र के साथ सम्पत्ति के बैनामा की प्रति लगाकर देनी होती है। जाँच के बाद नामान्तरण शुल्क जमा किया जाता है। आपत्ति के लिए नाम का प्रकाशन कराया जाता है। 21 दिन तक आपत्ति नहीं आने के बाद भवन का नामान्तरण कर दिया जाता है। अब इसके लिए नगर निगम आने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन आवेदन के साथ ही बैनामा की प्रति स्कैन करके भेजनी होगी। नगर निगम के अधिकारी उसकी जाँच कराएंगे। सही पाए जाने पर ऑनलाइन ही आवेदक को नामान्तरण शुल्क की धनराशि बतायी जाएगी और उसके जमा करने के बाद नाम प्रकाशन होगा और कोई भी आपत्ति नहीं होने पर ऑनलाइन की भवन का नामान्तरण हो जाएगा। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रोहन सिंह ने बताया कि सम्पत्ति का बैनामा होने पर प्रक्रिया अलग है, वारिसान में अलग। वारिसान में आवेदक को जिसके नाम पर सम्पत्ति होती है, उसका वारिसान प्रमाण-पत्र और यदि वो जीवित नहीं है, तो उसके मृत्यु प्रमाण-पत्र के साथ भवन पर आरोपित पुराना टैक्स जमा करने की रसीद लगानी होती है। इसमें नाम परिवर्तन का शुल्क 500 रुपए है, जबकि बैनामा के आधार पर नाम परिर्वतन की फीस सम्पत्ति के बा़जारू मूल्य पर निर्धारित है। उन्होंने बताया कि गृहकर की अधिकतर व्यवस्थाएं पहले से ही ऑनलाइन हैं। शासन से फिलहाल आदेश तो नहीं आया है, लेकिन इसको लेकर तैयारियाँ पहले से ही लगभग पूरी कर ली गई हैं।

    नामान्तरण का शुल्क

    सम्पत्ति के नामान्तरण को लेकर नगर निगम ने अलग-अलग शुल्क तय किया है। यदि बैनामा में भवन का ब़जारू मूल्य 1 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए के बीच है, तो नामान्तरण शुल्क 500 रुपए लगेगा। 1 लाख से 2 लाख के बीच में है, तो 1 ह़जार रुपए शुल्क होगा। इसी प्रकार 2 से 4 लाख के बीच 2 ह़जार, 4 से 6 लाख के बीच 3 ह़जार, 6 से 8 लाख के बीच 4 ह़जार, 8 लाख व उससे ऊपर तक के बैनामा पर 5 ह़जार रुपए नामान्तरण शुल्क लिए जाते हैं। उत्तराधिकार एवं वसीयत के आधार पर नाम परिवर्तन का शुल्क 500 रुपए लिए जाते हैं।

    विलम्ब शुल्क भी लिया जाता

    बैनामा कराने के 3 माह के अन्दर अगर सम्पत्ति का नामान्तरण कराया जाए, तो विलम्ब शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके बाद 3 से 6 माह के बीच विलम्ब शुल्क 100 रुपए, 6 माह से 1 साल के बीच में 200 रुपए और 1 साल के बाद कितना भी विलम्ब होने पर 500 रुपए शुल्क लिया जाता है।

    3 इरशाद-1

    समय : 6.00 बजे