मौसम की मार से घट सकती है गेहूं की पैदावार
जागरण संवाददाता सरपतहां (जौनपुर) ठंड व शीतलहर में वृद्धि न होने से जहां गेहूं के फसल
जागरण संवाददाता, सरपतहां (जौनपुर): ठंड व शीतलहर में वृद्धि न होने से जहां गेहूं के फसलों की बढ़वार प्रभावित हो रही है, वहीं पैदावार में भी भारी कमी की आशंका व्यक्त की जाने लगी है। तीखी धूप से दिन का तापमान भी अपेक्षाकृत अधिक बढ़ रहा है। इसका भी असर फसल पर पड़ा रहा है।
विशेषज्ञों की मानें तो गेहूं की फसलों के बढ़वार व अच्छी पैदावार के लिए ठंड का मौसम व खासकर मध्य दिसंबर से मकर संक्रांति तक पड़ने वाली शीतलहर काफी मायने रखती है। इतना ही नहीं जनवरी के पहले पखवारे में यदि हल्की बरसात या फिर बूंदाबांदी हो जाए तो फिर कहने ही क्या। जनवरी में हल्की बारिश को किसान अन्न की बारिश मानते हैं, लेकिन इस वर्ष मौसम अपेक्षाकृत शुष्क है। बीच में एक सप्ताह के लिए ठंड पड़ी। इसके बाद से दिन में लगातार तेज धूप व रात में वसंत की तरह चलने वाली पूरब की हवा गेहूं के लिए किसी भी ²ष्टिकोण से ठीक नहीं है। वर्तमान में जिस तरह का मौसम है वह अक्सर मध्य फरवरी में होता था। यदि हाल यही रहा तो गेहूं की पैदावार में भारी कमी होना तय है।
खेतों में नमी बनाए रखें किसान
गेहूं की फसल के लिए मौसम बेहद प्रतिकूल है। यही हाल रहा तो फसल की वानस्पतिक बढ़वार न होकर बालियां आनी शुरू हो जाएंगी। जिससे पैदावार में भारी कमी आएगी। किसान खेतों में सिचाई आदि करके नमी बनाए रखें। यूरिया आदि का छिड़काव सीधे न करके घोल बनाकर करें। संभव हो तो इसके स्थान पर एनपीके प्रति किग्रा सौ लीटर पानी में डालकर छिड़काव करें। इससे नाइट्रोजन, पोटाश व सल्फर तीनों तत्व फसलों को मिल जाएगा।
-डाक्टर संदीप, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, बक्शा।
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