Kele ki kheti: 50 हेक्टेयर में होगी टिश्यू कल्चर केला की खेती, समृद्ध होंगे अन्नदाता
किसानों की आय बढ़ाकर समृद्ध करने की मंशा से एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत टिश्यू कल्चर केला की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें प्रति हेक्टेयर 1.75 लाख रुपये लागत का 40 प्रतिशत यानि 70 हजार रुपये अनुदान दिया जा रहा है।

संवाद सहयोगी, जौनपुर। किसानों की आय बढ़ाकर समृद्ध करने की मंशा से एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत टिश्यू कल्चर केला की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें प्रति हेक्टेयर 1.75 लाख रुपये लागत का 40 प्रतिशत यानि 70 हजार रुपये अनुदान दिया जा रहा है।
जनपद में 50 हेक्टेयर खेती का लक्ष्य तय किया गया है। देसी प्रजाति के केले का पेड़ बड़ा होने के कारण आंधी-तूफान में टूटकर गिर जाता है। फल भी अपेक्षाकृत कम लगने के साथ गिर जाते थे। ऐसे में केले की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही थी। इसे बचाने के लिए टिश्यू कल्चर प्रजाति के केले की खेती के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत जनपद में 50 हेक्टेयर खेती का प्राथमिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें 40 हेक्टेयर सामान्य वर्ग व दस हेक्टेयर अनुसूचित जाति वर्ग के लिए तय किया गया है। केले की खेती पर प्रति हेक्टेयर लागत एक लाख, 75 हजार रुपये आती है। इसमें 70 हजार रुपये अनुदान किसानों को मिलेगा। अनुदान की धनराशि का 60 प्रतिशत पहले साल व 40 प्रतिशत दूसरे साल किसानों को दिया जाएगा।
उद्यान विभाग ने जनपद के चयनित किसानों को टिश्यू कल्चर जी-9 प्रजाति का केला लगाने के लिए संस्तुति दी है। यह लैब में तैयार किया जाता है। इसके पौधे छोटे व मजबूत होते हैं। इससे आंधी-तूफान में टूटकर नष्ट होने की संभावना कम होती है। फसल अच्छी होने के साथ ही गिरकर नष्ट नहीं होते। उत्पादन भी अपेक्षाकृत काफी अधिक होता है।
लक्ष्य आने के साथ ही जनपद स्तर पर किसानों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। किसान योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन करें।- डॉ. सीमा सिंह राना, जिला उद्यान अधिकारी।
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