जौनपुर में मां ने नहीं दी मोबाइल तो टावर पर चढ़ गया बच्चा, पुलिस को उतारने में पापड़ बेलने पड़े, देखें वीडियो...
जौनपुर जिले में सिकरारा थाना क्षेत्र में एक 15 वर्षीय किशोर डब्लू (बदला हुआ नाम) मोबाइल फोन न मिलने पर टावर पर चढ़ गया। गांववालों ने उसे टावर पर देखा और शोर मचाया। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर उसे समझाया जिसके बाद वह नीचे उतरा।

जागरण संवाददाता, मछलीशहर (जौनपुर)। सिकरारा थाना क्षेत्र के आनापुर गांव की बस्ती में रविवार की दोपहर एक अनोखी घटना ने सभी को चौंका दिया। जब एक किशोर ने अपनी मां से मोबाइल फोन न मिलने पर टावर पर चढ़ने का निर्णय लिया।
इस घटना ने गांव में अफरा-तफरी मचा दी। किशोर का नाम डब्लू (बदला हुआ नाम) है, जिसकी उम्र 15 वर्ष है। उसने अपनी मां से मोबाइल फोन मांगा, लेकिन मां ने उसे देने से मना कर दिया। इस पर आशीष नाराज होकर घर से कुछ दूरी पर स्थित मोबाइल फोन टावर पर चढ़ गया।
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गांव के लोगों ने जब उसको टावर पर चढ़ा देखा, तो उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया और उसे उतरने के लिए कहा। लेकिन आशीष ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और टावर पर चढ़ा रहा। इस बीच, किसी ग्रामीण ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पीआरवी टीम मौके पर पहुंची। पुलिस कर्मियों और ग्रामीणों ने मिलकर आशीष को समझाने की कोशिश की। एक घंटे की मेहनत के बाद, अंततः किशोर ने सुरक्षित रूप से टावर से नीचे उतरने का निर्णय लिया।
देखें वीडियो :
#Jaunpur में रविवार को एक बच्चे ने मोबाइल न मिलने पर टावर पर चढ़ना शुरू कर दिया। बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और ग्रामीणों ने उसे नीचे उतारा। pic.twitter.com/kL8I2KlWSF
— Abhishek sharma (@officeofabhi) September 8, 2025
इस घटना ने गांव में चर्चा का विषय बना दिया है और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं चिंताजनक हैं और किशोरों को सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। उसकी मां ने भी इस घटना के बाद चिंता जताई और कहा कि बच्चों को मोबाइल फोन का उपयोग समझदारी से करना चाहिए।
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गांव के लोगों ने इस घटना को लेकर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल परिवारों के लिए बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय बन जाती हैं।
इस घटना ने यह भी दर्शाया कि कैसे किशोरों की भावनाएं कभी-कभी उन्हें गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। पुलिस ने भी इस मामले में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
आशा है कि इस घटना से सभी को सीख मिलेगी और भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति नहीं होगी। किशोरों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है ताकि वे अपने विचारों और भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त कर सकें। इस प्रकार की घटनाएं समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करती हैं और हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हमें अपने बच्चों के साथ संवाद को और बेहतर बनाना होगा।
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