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    यूपी का रहमान डकैत! मां के शरीर के किए टुकड़े, चीखा पिता तो उतारा मौत के घाट

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 09:57 PM (IST)

    जौनपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक बेटे ने अपनी मां के शरीर के टुकड़े कर दिए और जब पिता ने चीख-पुकार मचाई तो उसे भी मौत के घाट उतार ...और पढ़ें

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    बेटे ने की मां-बाप की हत्या।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। जफराबाद के अहमदपुर छावनी गौरियाना में नवासे पर रहने वाले रिटायर्ड रेलवे लोको पायलट पिता श्याम बहादुर व माता बबिता देवी को गत आठ दिसंबर की रात बर्बरता के साथ मौत के घाट उतार देने वाला अंबेश कुमार पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद बुत सा हो गया है। एएसपी (सिटी) आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ के दौरान शांत भाव से उसने पूरी घटना सिलसिलेवार कुबूल की। उसने पहले मां फिर पिता को मौत की नींद सुलाया।

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    दिल दहला देने वाली घटना का कारण बना मुस्लिम पत्नी से तलाक लेने पर दिए जाने वाले गुजारा भत्ता की रकम को लेकर हुआ विवाद। श्याम बहादुर व बबिता देवी की मौत की सच्चाई जानने के लिए पुलिस हत्यारे अंबेश को जफराबाद स्थित अहमदपुर छावनी गौरियान स्थित घर ले जाकर सीन रीक्रिएट कराया।

    एएसपी (सिटी) ने बताया वर्ष 2019 में अंबेश कुमार ने कोलकाता की सहजिया नामक मुस्लिम युवती के प्रेम विवाह किया था। पांच वर्ष की एक पुत्री और 11 माह का पुत्र है। कोलकाता में किसी कंपनी में 25 हजार रुपये के वेतन पर क्वालिटी इंजीनियर की नौकरी करने वाले अंबेश कुमार के लव मैरिज करने से माता-पिता व अन्य स्वजन नाराज थे।

    वह शादी के बाद से ही उस पर तलाक देने के लिए दबाव बना रहे थे। वह भी तलाक देने को तैयार हो गया था, लेकिन माता-पिता गुजारा भत्ता की रकम देने के लिए तैयार नहीं थे। इसी को लेकर विवाद चल रहा था।

    घटना की राशि इसी विवाद को लेकर कहासुनी व हाथापाई होने पर उसने पहले मां को लोहे के बट्टे से वार कर मार डाला। फिर पिता को मरणासन्न कर दिया। इसके बाद घबरा उठा अंबेश शवों को ठिकाने लगाने के लिए कटर से शरीर के टुकड़े करने लगा तो पिता के चीखने पर उनके गला रस्सी से कस दिया।

    कटर से माता-पिता के सिर से कमर, कमर से घुटने व घुटने से पैर तक के टुकड़े करने के बाद सीमेंट की छह खाली बोरियों में भरकर अकेले कार से ले जाकर बेलांव घाट पुल से गोमती के बीच धार में फेंक दिया। मां का एक पैर कार की डिक्की में छूट गया था। लौटकर घर व कार की माता-पिता के कपड़ों से पूरी तरह साफ-सफाई कर दिया।

    वाराणसी जाते समय मां के पैर को राजेपुर में सई नदी में फेंक दिया। दो दिन तक वाराणसी में घाटों पर घूमने के बाद वापस आ गया था। किचन में छिपाए गए माता-पिता के मोबाइल फोन व चश्मे अंबेश की निशानदेही पर बरामद कर लिए गए।

    बेलांव घाट से केराकत तक दिन भर होती रही तलाश

    जफराबाद/सिरकोनी में हत्या के बाद बोरियों मेें भरकर फेंके गए श्याम बहादुर व बबिता देवी के शरीर के टुकड़ों को नदी से बरामद करना पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। आरोपित पुत्र के सोमवार की रात अपराध स्वीकारने के बाद से ही पुलिस गोताखोरों को लेकर तलाश में जुटी हुई है। मंगलवार को एक बोरी मिली जिसमें श्याम बहादुर कमर से लेकर घुटने तक का हिस्सा था।

    सोमवार की रात 12,30 बजे तक आरोपित अंबेश को लेकर गोताखोर उसकी निशानदेही पर बेलांव घाट के आस-पास खोज करते रहे। मंगलवार की सुबह फिर बेलांव घाट से केराकत तक 40 गोताखोर व तीन पुलिस टीमें खोज में लग गईं।

    एएसपी (सिटी) आयुष श्रीवास्तव ने बताया नाव व नदी जाल डालकर खोज के दौरान बेलांव घाट से लगभग पांच किलोमीटर दूर राजेपुर के पास एक बोरी मिली। उसमें श्याम बहादुर के कमर से लेकर घुटने तक का हिस्सा था। स्वजन ने देखकर शिनाख्त कर ली। उन्होंने बताया तलाश में एनडीआरएफ की सहायता मांगी गई।

    एनडीआरएफ के अधिकारियों ने कहा कि शरीर के टुकड़ों को बोरियों में भरकर फेंका गया है। बहते हुए दूर निकल गई होंगी या जलजंतु खा गए होंगे। ऐसे में उनके मिलने की संभावना न के बराबर है। बावजूूद इसके बुधवार की सुबह से फिर खोज कराई जाएगी।