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    जौनपुर में घर के बाहर खेल रहे बच्‍चे को सांप ने काटा, झाड़ फूंक के चक्‍कर में हो गई मौत

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 23 Oct 2025 06:00 PM (IST)

    जौनपुर में एक हृदयविदारक घटना घटी। घर के बाहर खेल रहे एक बच्चे को सांप ने काटा, जिसके बाद परिवार वाले उसे अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़-फूंक कराने में लगे रहे। समय पर इलाज न मिलने के कारण बच्चे की मृत्यु हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि समय पर अस्पताल लाने से बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।

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    यह घटना प्रतापगढ़ जिले के संवसा थाना क्षेत्र के नर्वेदा गांव में हुई।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। सर्पदंश के मामले में त्वरित उपचार की आवश्यकता होती है, लेकिन अभिभावकों द्वारा झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाने के कारण एक नौ वर्षीय बालक की जान चली गई। यह घटना प्रतापगढ़ जिले के संवसा थाना क्षेत्र के नर्वेदा गांव में हुई।

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    गांव निवासी जावेद अली का पुत्र जान मोहम्मद बुधवार की शाम अपने घर के बाहर पड़ोस के बच्चों के साथ खेल रहा था। खेलते समय उसे सांप ने डस लिया, लेकिन बालक सांप को देख नहीं पाया और इस घटना को अपने परिवार से छिपा लिया। कुछ समय बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, तब परिवार को उसकी स्थिति के बारे में संदेह हुआ।

    हालांकि, बालक को तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय, उसके माता-पिता उसे देर रात मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के फत्तेपुर गांव में झाड़-फूंक करने वाले के पास ले गए। वहां उसकी हालत में सुधार होने के बजाय और बिगड़ गई। अंततः उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डाक्टर ने उसे स्नैक एंटीवेनम डोज दिया।

    डाक्टर ने बालक की स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजने की सलाह दी। लेकिन दुर्भाग्यवश, वहां उपचार के दौरान बालक की मौत हो गई। इस घटना ने परिवार में शोक की लहर दौड़ा दी है, और माता-पिता व अन्य स्वजन इस दुखद घटना पर रो-रोकर बेहाल हैं।

    यह घटना इस बात का प्रमाण है कि सर्पदंश के मामले में समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करना कितना महत्वपूर्ण है। झाड़-फूंक जैसी प्रथाओं पर निर्भर रहना कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पदंश के मामले में तुरंत अस्पताल जाना चाहिए, ताकि उचित उपचार मिल सके और जीवन को बचाया जा सके। इस घटना ने ग्रामीणों को भी जागरूक किया है कि सर्पदंश के मामले में त्वरित चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है।