एसएलडब्ल्यूएम परियोजना स्वच्छता व जल संरक्षण के लिए वरदान
कूड़े आदि ठोस कचरे का भी व्यवस्थित निस्तारण किया जा सकेगा।

एसएलडब्ल्यूएम परियोजना स्वच्छता व जल संरक्षण के लिए वरदान
जागरण संवाददाता, सरपतहां (जौनपुर): सुईथाकला ब्लाक के दर्जन भर ग्राम पंचायतों में निर्माणाधीन एसएलडब्ल्यूएम (सालिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट) परियोजना स्वच्छता के साथ ही जल संरक्षण में भी वरदान साबित होगी। परियोजना पूरी होने के बाद न सिर्फ पंचायतों में लोगों के घरों से निकलने वाले जल का प्रबंधन होगा, बल्कि घरों से निकलने वाले कूड़े आदि ठोस कचरे का भी व्यवस्थित निस्तारण किया जा सकेगा।
एसएलडब्ल्यूएम के तहत चिह्नित ग्राम पंचायतों में कार्य कराया भी जा रहा है। पंचायत के किसी एक मजरे में पक्की नाली बनाकर उससे लोगों की घरों से निकलने वाले गंदे पानी को जाली लगाकर चेंबर द्वारा मुख्य नाली से जोड़ दिया जाता है। इतना ही नहीं बारिश का पानी भी उन्हीं नालियों के माध्यम से आगे बने तीन छोटे-छोटे पक्के तालाबों में गिरता है और वहां एक के बाद एक तालाब से छनकर साफ जल मुख्य तालाब में पहुंचता है। इसी प्रकार ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए तालाब के किनारे एक कमरे व तीन पक्के टैंक का निर्माण हो रहा है, जिसमें लोग अपने घरों से निकलने वाले सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग डालेंगे। इस प्रकार ठोस एवं तरल दोनों कचरों का निस्तारण आसानी से हो जाएगा। पंचायतों के चयन व लागत आदि के बारे में बताते हुए अभियंता विजय प्रताप सिंह ने कहा कि परियोजना के लिए धनराशि का आवंटन चयनित पंचायत की आबादी व क्षेत्रफल पर निर्भर होता है। सुइथाकला ब्लाक में दो चरणों में कुल दस पंचायतों रुधौली, सुकर्णाकलां, सारी जहांगीरपट्टी, कटघर, सुइथाकलां, दुमदुमा, ईशापुर, चिलबिली, कम्मरपुर, पिपरौल व खेतापुर का चयन हुआ है।
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