पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया तेज, इन अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के माध्यम से मिलेगा एडमिशन
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया तेज हो गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन इंटरव्यू के माध्यम से योग्य अभ्यर्थियों को एडमिशन देगा। विश्वविद्यालय का लक्ष्य है कि योग्य और प्रतिभाशाली छात्रों को पीएचडी में प्रवेश मिले।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया तेज।
जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर)। पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की गति देने के लिए तैयारी तेज कर दी है। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने शैक्षणिक विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि संबंधित महाविद्यालयों से शोध निर्देशकों और रिक्त शोध सीटों की संख्या का ब्योरा तत्काल एकत्र किया जाए, जिससे विभागीय शोध समिति (डीआरसी) का प्रारूप शीघ्र जारी किया जा सके।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा, नेट, गेट या जेआरएफ पास अभ्यर्थियों का साक्षात्कार डीआरसी के माध्यम से कराया जाएगा। डीआरसी का कार्य प्रत्येक विषय में योग्य शोध निर्देशकों की उपलब्धता, रिक्त सीटों और अभ्यर्थियों की उपयुक्तता का परीक्षण करना होता है। डीआरसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुसंधान डिग्री समिति (आरडीसी) की बैठक आयोजित की जाएगी।
आरडीसी विश्वविद्यालय स्तर की वह समिति है, जो चयनित शोधार्थियों के विषय, प्रस्ताव और निर्देशन को अंतिम स्वीकृति प्रदान करती है। इस संबंध में रविवार को डिप्टी रजिस्ट्रार (शैक्षणिक) अजीत प्रताप सिंह ने विभागाध्यक्षों और प्राध्यापकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर दिशा-निर्देश साझा किए।
बैठक में विभागवार रिक्त सीटों की अद्यतन जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराने पर बल दिया गया। इस वर्ष विभिन्न विषयों में लगभग 500 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है, जिससे बड़ी संख्या में सीटें रिक्त हो गई हैं। वहीं, करीब दो दर्जन प्राध्यापकों के सेवानिवृत्त होने से प्रत्येक के अधीन लगभग आठ-आठ सीटें घट गई हैं।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि शोध कार्य किसी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता और बौद्धिक समृद्धि का दर्पण होता है। इसलिए पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी, समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।