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    सरकारी पालीटेक्निक कालेज में प्रवेश के लिए अब नहीं जाना होगा दूसरे शहर, पूर्वांचल विवि में इस सत्र से शुरू हो रही है कक्षाएं

    Updated: Tue, 19 Mar 2024 02:29 PM (IST)

    पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में डी- फार्मा के अलावा अब तक और कोई डिप्लोमा कोर्स संचालित नहीं हो रहा था। इस वजह से सरकारी पालीटेक्निक कालेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों को हंडिया प्रयागराज कानपुर व लखनऊ आदि स्थानों की संस्थाओं में जाना पड़ता था। इसके लिए उन्हें पठन-पाठन के अलावा रहने व खाने के इंतजाम के बारे में भी सोचना पड़ता था।

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    पूर्वांचल विवि में इस सत्र से शुरू होगी पॉलीटेक्निक डिप्लोमा की कक्षाएं

    संवाद सूत्र, मल्हनी (जौनपुर)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (VBPU) परिसर में इस सत्र 2024 से पालीटेक्निक डिप्लोमा की कक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी। इसकी तैयारी विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरी कर ली है और इसका प्रपोजल शासन को भेजा गया है। पालीटेक्निकल कक्षाओं को शुरू करने में किन-किन संसाधनों की आवश्यकता है। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है। ब्रांच वाइज प्रयोगशाला, उपकरण आदि को भी पूरा किया जा रहा है।

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    पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में डी- फार्मा के अलावा अब तक और कोई डिप्लोमा कोर्स संचालित नहीं हो रहा था। इस वजह से सरकारी पालीटेक्निक कालेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों को हंडिया प्रयागराज, कानपुर व लखनऊ आदि स्थानों की संस्थाओं में जाना पड़ता था। इसके लिए उन्हें पठन-पाठन के अलावा रहने व खाने के इंतजाम के बारे में भी सोचना पड़ता था।

    सक्षम अभिभावक तो आर्थिक व्यवस्थाओं की चिंता किए बिना अपने बच्चों को पढ़ने के लिए गैर जनपद भेज देते हैं, लेकिन तमाम ऐसे भी अभिभावक हैं जिनके पास पढ़ाने का इंतजाम तो है, लेकिन उनके पास बच्चों को छात्रावास में रखने और खाने का इंतजाम नहीं हो पता था।

    इस वजह से वह अपने बच्चों को दूर भेजकर अच्छे शिक्षण संस्थान में पढ़ाने की इच्छा पूरी नहीं हो पाते थे। अब उन्हें सोचने की आवश्यकता नहीं। पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में अब पालीटेक्निक डिप्लोमा के कई ब्रांच की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसका लाभ जिले के अलावा पूर्वांचल के कई जिले के छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा।

    कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह के अनुसार, सभी को शिक्षा मिले, और हर हाथ में रोजगार हो। इस उद्देश्य से विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षा की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। तमाम ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जो डिग्री की बजाय डिप्लोमा कोर्स करना पसंद करते हैं। उन्हें अब दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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