प्रेरणा एप के विरोध में 203 न्याय पंचायत समन्वयकों ने दिया इस्तीफा
परिषदीय स्कूलों में लागू होने वाले प्रेरणा एप के विरोध में शनिवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमित सिंह के नेतृत्व में बीएसए कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया। एप संबंधी प्रशिक्षण का विरोध करके हुए 203 न्याय पंचायत समन्वयकों ने सामूहिक रूप से कार्यालय में इस्तीफा रिसीव कराया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: परिषदीय स्कूलों में लागू होने वाले प्रेरणा एप के विरोध में शनिवार को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमित सिंह के नेतृत्व में बीएसए कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया। एप संबंधी प्रशिक्षण का विरोध करके हुए 203 न्याय पंचायत समन्वयकों ने सामूहिक रूप से कार्यालय में इस्तीफा रिसीव कराया।
सुबह दस बजे बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद हो गए। आक्रोशित शिक्षकों ने प्रशिक्षण न लेकर नारेबाजी करते हुए प्रशिक्षण का विरोध करने लगे। उनके समर्थन में प्रशिक्षण लेने आए न्याय पंचायत समन्वयक भी खड़े हो गए। उनका कहना था कि हम पहले शिक्षक है फिर न्याय पंचायत समन्वयक। हालांकि शुरुआत में कुछ शिक्षक प्रशिक्षण कक्ष में जाकर बैठ गए लेकिन कुछ देर बाद ही अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं के पहुंचने पर हुई मंत्रणा के बाद सभी ने प्रशिक्षण लेने से इंकार कर दिया। उधर, अधिकारियों ने प्रशिक्षण के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन एकजुट होकर शिक्षक प्रशिक्षण से बाहर आकर एप पर विरोध जताने लगे और अपनी मांगें उठानी शुरू कर दीं। शिक्षकों ने बीएसए को ज्ञापन देकर एप के जरिये मॉनिटरिग की व्यवस्था को शिक्षकों का अपमान बताया। इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।
जिला अध्यक्ष अमित सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बहुत ही स्पष्ट लहजे में कहा कि हमारा प्रत्येक शिक्षक साथी सरकार के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ एकजुट होकर हर संघर्ष को तैयार है। विभाग किसी भी तरह का जबरदस्ती करने का प्रयास करेगा तो परिणाम बहुत भयावह होगा। जिला महामंत्री संजय सिंह व महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष अर्चना सिंह ने कहा कि सेल्फी द्वारा उपस्थिति पूर्णतया अव्यवहारिक है। महिला शिक्षक, बच्चियों की फोटो नेट पर डालना निजता के अधिकार का उल्लंघन है। संगठन मंत्री अश्विनी सिंह ने कहा कि इस निर्णय से शिक्षक समाज क्षुब्ध है शिक्षक नेता राजेश सिंह टोनी व संतोष सिंह बघेल ने कहा कि किन्हीं कारणों से शिक्षक व बच्चे विद्यालय पहुंचने में लेट होते हैं तो शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। इससे शिक्षकों के सम्मान में ठेस पहुंचेगी।
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