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    वन विभाग के एप पर लेनी होगी पेड़ काटने की अनुमति

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 25 Nov 2021 10:19 PM (IST)

    जागरण संवाददाता जौनपुर अब पेड़ों का मनमाना कटान नहीं हो सकेगा। इन्हें काटने के लिए अ

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    वन विभाग के एप पर लेनी होगी पेड़ काटने की अनुमति

    जागरण संवाददाता, जौनपुर : अब पेड़ों का मनमाना कटान नहीं हो सकेगा। इन्हें काटने के लिए अब सिर्फ प्रार्थना पत्र देने पर अनुमति नहीं मिलेगी, बल्कि आनलाइन अनुमति लेनी होगी। इसके लिए वन विभाग ने यूपीफारेस्टजीओवीडाटइन पर फिलिग परमिट एप तैयार किया है। आवेदन के पश्चात कई चरणों की जांच के बाद डीएफओ की ओर से अनुमति दी जाएगी। इसके बाद ही पेड़ों की कटाई हो सकेगी। नियम बदलने से पेड़ों को काटने के आवेदनों की संख्या भी कम हो गई है। इससे जहां वृक्ष बचेंगे वहीं पर्यावरण भी संरक्षित होगा। एप की व्यवस्था गत वर्ष से लागू की गई है।

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    शासन से पेड़ों को काटने की बजाय पौधे लगाने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में इस बदलाव को नजीर के रूप में देखा जा रहा है। पेड़ों की कटाई से न सिर्फ पर्यावरण प्रभावित हो रहा है, बल्कि आम लोगों के जनजीवन पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। अभी तक पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग के कार्यालय में आफलाइन आवेदन देने के बाद तुरंत अनुमति मिल जाती थी। अब इसे बंद कर दिया गया है। अब अनुमति सिर्फ डीएफओ ही देंगे। वह भी आवेदन में दर्ज वजह के साथ पूरे ब्यौरे की जांच कर उसे एप पर अपलोड करने के बाद ही। प्रतिबंधित वृक्षों (पीपल, नीम, बरगद) को काटने के लिए आवेदन की जांच पहले रेंज अधिकारी करेंगे जो अपनी रिपोर्ट डीएफओ को देंगे। इसके बाद निर्धारित शुल्क जमा करने व पूरी जांच के बाद ही उसे काटने की अनुमति दी जाएगी। कंप्यूटर न होने पर बकायदा दर्ज होगा ब्योरा

    अब उन रेंज कार्यालयों को भी आवेदन देना आसान नहीं होगा जहां कंप्यूटर की सुविधा नहीं है। हरे वृक्ष को काटने के लिए आवेदन करने के बाद पहले विधिवत कारण स्पष्ट करना होगा। इतना ही नहीं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह भी बताना होगा कि इसके एवज में पौधा भी लगाएंगे। इसके बाद विभाग के अधिकारी विधिवत जांच व अपनी रिपोर्ट रजिस्टर में दर्ज करने के बाद ही अनुमति देंगे।

    बोले अधिकारी..

    अभी तक छह माह में वृक्षों को काटने के लिए लगभग 30 आवेदन ही मिले हैं। आनलाइन आवेदन के साथ ही कर्मचारियों को भेजकर वास्तविक स्थिति का पता लगाया गया। सबकुछ सही मिलने पर कुछ को काटने की अनुमति दी गई, अन्य की जांच की जा रही है। पहले एक माह में ही सौ से अधिक आवेदन आ जाते थे।

    -प्रवीण खरे, डीएफओ।