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    अब जान नहीं लेगा काला घी-तेल, सरकार खरीदकर बनाएगी बायो डीजल

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 09 Jun 2021 06:51 PM (IST)

    ठेले-खोमचे से लेकर हलवाई की दुकान व छोटे प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल।

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    अब जान नहीं लेगा काला घी-तेल, सरकार खरीदकर बनाएगी बायो डीजल

    जागरण संवाददाता, जौनपुर: ठेले-खोमचे से लेकर हलवाई की दुकान व छोटे प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल हुए काले घी-तेल को सरकार अब खरीदेगी। जिसे इकट्ठा कर बायो डीजल बनाया जाएगा। इसके पीछे सरकार की मंशा लोगों को इस्तेमाल हो चुके घी-तेल का उपयोग कर बीमार होने से बचाना है। जानकारों का कहना है कि अधिकतम तीन बार इस्तेमाल हो चुका तेल-घी स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो जाता है, लेकिन मुनाफे के चक्कर में दुकानदार इसको फेंकने की बजाय कई बार इस्तेमाल करते हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग सरकार की इस योजना को अमल में लाने के लिए कारगर नीति बनाने की तैयारी शुरू कर दिया है। इसको खरीदने के लिए हर जिले में सेंटर खोला जाएगा। बायो डीजल के इस्तेमाल से जहां पर्यावरण शुद्ध होगा, वहीं आम लोगों की सेहत भी दुरुस्त होगी।

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    शरीर के लिए खतरनाक हैं ऐसे तेल

    हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर हरेंद्र देव सिंह कहते हैं कि किसी भी खाद्य तेल में विटामिन्स व मिनरल होते हैं, लेकिन अधिक ताप पर गर्म करने अथवा बार-बार गर्म करने पर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाते हैं। लगातार ऐसे खाद्य तेलों के इस्तेमाल से शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, मेटोबोलिक सिड्रोम समेत कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

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    ये है बायो डीजल

    बायो डीजल परंपरागत ईंधन का एक स्वच्छ विकल्प है। इसे भविष्य का ईंधन भी माना जा रहा है। बायो डीजल में पेट्रोलियम नहीं होता, लेकिन इसे सम्यक अनुपात में पेट्रोलियम में मिलाकर विभिन्न प्रकार की गाड़ियों में प्रयोग किया जा सकता है। बायो डीजल विषैला नहीं होता, यह बायो डिग्रेडेबल भी है। बायो डीजल प्रयोग में सर्वाधिक आसान ईंधनों में से एक और सबसे अच्छी बात यह है कि खेती में काम आने वाले उपकरणों को चलाने के लिए सबसे उपयुक्त है। भारत का पहला बायो डीजल संयंत्र आस्ट्रेलिया के सहयोग से काकीनाड़ा सेज में स्थापित किया गया है।

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    आम लोगों की सेहत व पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से उठाया गया यह क्रांतिकारी कदम है। अभी यह प्रक्रिया शुरुआती चरण में है जो आने वाले दिनों में कई बदलाव लेकर आएगी। इस्तेमाल हो चुके तेल को खरीदने के लिए प्रत्येक जिले में सेंटर स्थापित करने की योजना है। इसके साथ ही इसके खरीद मूल्य पर भी मंथन चल रहा है।

    -अनिल कुमार राय, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी।