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    भू-जल को लेकर जौनपुर की समस्या सबसे ज्यादा विकराल

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 14 Mar 2018 10:18 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, जौनपुर : रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून.। चार सौ साल पहले रहीम दास ...और पढ़ें

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    भू-जल को लेकर जौनपुर की समस्या सबसे ज्यादा विकराल

    जागरण संवाददाता, जौनपुर :

    रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून.। चार सौ साल पहले रहीम दास जी द्वारा लिखे गए इस दोहे से आज भी हमने सीख नहीं ली तो आने वाले कल का परिणाम भयंकर होगा और सबको बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना पड़ेगा। वजह प्रदेश के 820 ब्लाकों में 217 विकास खंड भूजल को लेकर समस्याग्रस्त घोषित हो चुके हैं। इनमें जौनपुर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, क्योंकि इस जिले में सर्वाधिक 14 ब्लाक संकटग्रस्त श्रेणी में आ चुके हैं।

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    जनसंख्या बढ़ रही है, लेकिन जल भंडारण की क्षमता में वृद्धि नहीं हुई। जानकार बताते हैं कि 1991 में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 2209 घन मीटर थी, लेकिन वर्ष 2011 में यह घटकर 1545 घन मीटर हो गई। ऐसा इसलिए हुआ हमसब आवश्यकता से अधिक पानी खर्च कर दे रहे हैं, जो भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसे गंभीरता से लेते हुए पूर्व में सर्वे कराया गया। प्रदेश के 820 ब्लाकों में कराए गए जांच में यह बात खुलकर सामने आईं कि सिर्फ 603 ही ब्लाक सुरक्षित क्षेणी में हैं। केंद्रीय भू-जल, जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार से अनुमोदित वर्ष 2013 में तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक मंडलों सबसे ज्यादा जल संरक्षण की खराब स्थिति इलाहाबाद की है। इसके बाद मथुरा फिर वाराणसी मंडल का नंबर आता हैं। वहीं, बात अगर जिलास्तर पर की जाए तो जौनपुर टाप पर है, क्योंकि यहां 14 ब्लाक भू-जल की समस्या से ग्रस्त हैं। जहां जल संरक्षण के उपायों को अब अमल में लाने की जरुरत है।

    ऐसे तैयार की गई रिपोर्ट

    अधिशासी अभियंता लघु ¨सचाई वाराणसी विनोद कुमार यादव ने बताया ब्लाक स्तर पर भू-जल विकास की स्थिति तीन तरह से तैयार की गई है। यह अति दोहित, क्रिटिकल व सेमी क्रिटिकल के नाम से है। इसमें अति दोहित और क्रिटिकल ब्लाकों में किसी भी प्रकार की सरकारी बो¨रग पर रोक लगा दी गई है। जल संरक्षण के लिए चेकडैम का निर्माण कराया जा रहा है। जौनपुर में 65 चेकडैम बन चुके हैं, जबकि सेमी क्रिटिकल ब्लाक को इस लिए चिह्नित किए गए हैं कि वहां भी भूजल ज्यादा निकल रहा है, जबकि रीचार्ज कम हो रहा है। इससे यहां पर जटिल समस्या खड़ी हो सकती है।

    ये हैं सबसे ज्यादा खराब स्थिति वाले पांच जिले

    जनपद- अति दोहित- क्रिटिकल- सेमी क्रिटिकल

    जौनपुर- 7 - 2 - 5

    प्रतापगढ़ 11 - 1 - 00

    आगरा- 10 - 00 - 2

    बुलंदशहर- 3 - 5 - 4

    सहारनपुर 8 - 2 - 00