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    जौनपुर में माता-पिता की हत्या करने के बाद बेटे ने शवों के कटर से कर दिए थे कई टुकड़े

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 06:01 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक बेटे ने अपने ही माता-पिता की हत्या कर दी और शवों को कटर से कई टुकड़ों में काट डाला। इस घ ...और पढ़ें

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    नौ माह कोख में रखकर जन्म देने वाली मां व लाड़-प्यार करने वाले पिता की नृशंस हत्या करते समय न उसकी आंखों में आंसू आए, न हाथ कांपे।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। ऐसा जघन्य अपराध कोई पेशेवर अपराधी भी नहीं कर सकता, जैसा बीटेक उपाधिधारक पुत्र अंबेश कुमार ने किया। उसने गत आठ दिसंबर की रात मसाला कूटने वाले लोहे के बट्टे से माता-पिता को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद टीएमटी (सरिया) कटर मशीन से माता-पिता के शवों के कई टुकड़े कर डाले फिर बोरे में भरकर नदी में फेंक दिया और उनके गुमशुदा होने का स्वांग रचकर खुद खोजने में जुट गया था। नौ माह कोख में रखकर जन्म देने वाली मां व लाड़-प्यार करने वाले पिता की नृशंस हत्या करते समय न उसकी आंखों में आंसू आए, न हाथ कांपे।

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    केराकत कोतवाली के टड़वां (थानागद्दी) के मूल निवासी रेलवे के रिटायर्ड लोको पायलट श्याम बहादुर को क्षेत्र के अहमदपुर छावनी गौरियाना में नवासा मिला था। गत 30 जून को सेवानिवृत्त होने के बाद वह पत्नी बबिता देवी के साथ यहीं रहने लगे थे। इसके पूर्व वह गांव से यदा-कदा आते-जाते थे। उनकी चार संतानों में क्रमश: तीन विवाहित पुत्रियां वंदना, अपर्णा, सपना व दूसरे नंबर पर पुत्र अंबेश कुमार है।

    लगभग पांच वर्ष पूर्व कोलकाता में अंबेश ने दूसरे संप्रदाय की युवती के साथ प्रेम विवाह कर लिया था। यह रिश्ता परिवार को नापसंद था। उसकी पत्नी कभी ससुराल नहीं आई थी। अंबेश भी कोलकाता से तभी टड़वां या अहमदपुर आता-जाता था, जब उसे पैसों की जरूरत होती थी। एक सप्ताह पूर्व वह अहमदपुर आया था। श्याम बहादुर की बहन वाराणसी के सिंधोरा की शकुंतला देवी रोजाना सुबह-शाम मोबाइल फोन पर भैया-भाभी से हाल-चाल पूछती थीं।

    शकुंतला देवी ने आठ दिसंबर की रात व नौ दिसंबर को सुबह भाई का फोन स्विच आफ मिलने पर अंबेश से मोबाइल पर संपर्क किया। अंबेश ने बुआ शकुंतला को बताया कि माता-पिता कहीं लापता हो गए हैं। वह खुद उनकी खोज कर रहा है। नौ दिसंबर को अंबेश टड़वां गया था, लेकिन वहां माता-पिता के लापता होने का किसी से जिक्र नहीं किया। इसके बाद अंबेश का फोन स्विच आफ बताने लगा। वंदना ने 12 दिसंबर को जफराबाद थाने में सूचना दी कि उसके माता-पिता लापता हो गए हैं। उन्हें खोजने निकले भाई अंबेश का भी कुछ पता नहीं चल रहा है। गुमशुदगी का केस दर्ज कर पुलिस तलाश में जुट गई।

    अंबेश के हत्थे चढ़ने के बाद पूरी घटना हुई उजागर

    खोजबीन में जुटी पुलिस ने सोमवार की सुबह अंबेश को अहमदपुर से ही हिरासत में ले लिया। पूछताछ में वह लगातार बयान बदलता रहा। शक होने पर पुलिस ने सख्ती की तो वह टूट गया। उसने स्वीकार किया कि आठ दिसंबर की रात में करीब 10 बजे माता बबिता देवी-पिता श्याम बहादुर की बट्टे से वार कर हत्या कर दी। इसके बाद घर के चौथे तल पर बन रही सीढ़ी में प्रयुक्त होने वाली सरिया काटने के लिए लाई गई कटर मशीन से छह घंटे में माता-पिता के शवों के छह-छह टुकड़े कर सीमेंट की पांच खाली बोरियों में भरे। मां के दोनों पैर बोरे में नहीं आए तो कार की डिक्की में भरा। भोर में तीन बजे बेलांव घाट ले जाकर गोमती नदी में फेंककर घर वापस लौट आया। कार साफ कर खड़ी कर दी और घर में ताला लगाकर निकल गया।


    फारेंसिक टीम ने घर व कार से जुटाए साक्ष्य, कटर व बट्टा लिया कब्जे में

    सनसनीखेज वारदात की छानबीन में जुटी पुलिस ने मंगलवार की दोपहर फारेंसिक टीम को मौके पर बुलाया। टीम ने कई घंटे तक छानबीन कर घर व कार से अपने ढंग से अहम साक्ष्य संकलित किए। हत्या में प्रयुक्त लोहे के बट्टी व टीएमटी कटर को कब्जे में ले लिया। फिलहाल पुलिस ने घर को सील कर दिया है।