जौनपुर में बेटे ने लोढ़ा से कूंचकर मां-बाप को उतारा मौत के घाट, बोरे में भरकर नदी में फेंकी लाश
जफराबाद थाना क्षेत्र के अहमदपुर छावनी निवासी बेटे ने करीब एक सप्ताह पूर्व अपने माता-पिता की लोढ़ा से सिर कुचलकर हत्या कर दी। शवों को बोरे में भर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जौनपुर। जफराबाद थाना क्षेत्र के अहमदपुर छावनी गौरियाना निवासी बेटे ने करीब एक सप्ताह पूर्व माता-पिता की लोढ़ा से सिर कूंचकर हत्या कर दी। साक्ष्य मिटाने की नीयत से शवों को बोरे में भरकर कार से ले जाकर गोमती नदी में फेंक दिया। यह राजफाश सोमवार उसी समय से लापता कपूत के सोमवार को पुलिस के हत्थे चढ़ने पर पूछताछ के दौरान हुआ। मुकदमा दर्ज कर पुलिस शवों की तलाश में जुट गई है। श्याम बहादुर रेलवे के रिटायर्ड लोको पायलट थे। सोमवार को पुलिस ने अंबेश कुमार को गांव के पास से ही धर दबोचा।
पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो वह भ्रमित करने के लिए इधर-उधर की बातें करता रहा। मामला संदिग्ध दिखने पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। अंबेश कुमार ने स्वीकार किया कि पारिवारिक व पैसों के लेनदेन के विवाद में उसने आठ दिसंबर को ही बट्टा (मसाला पीसने में प्रयुक्त होने वाला पत्थर तराश कर बने लोढ़ा) से सिर पर वार कर माता-पिता को मार डालने के बाद शव बोरे में भरकर क्षेत्र के बेलांव घाट ले जाकर गोमती नदी में फेंक दिया था।
एएसपी (सिटी) ने आयुष श्रीवास्तव ने बताया आरोपित से पूछताछ की जा रही है। अब तक की छानबीन में तथ्य सामने आया है कि श्याम बहादुर की चार संतानों में तीन पुत्रियां हैं। इकलौता पुत्र अंबेश कुमार तीसरे नंबर पर है।
कोरोना संक्रमण काल के दौरान अंबेश कुमार ने कोलकाता में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली युवती से प्रेम विवाह कर लिया था। माता-पिता व बहनें स्वीकार नहीं कर रही थीं। इससे अंबेश कुमार को आशंका थी कि माता-पिता उसे संपत्ति से बेदखल कर उसका हक-हिस्सा भी बहनों को दे देंगे। यही घटना का कारण बना। आरोपित अंबेश कुमार को लेकर शवों की तलाश शुरू कर दी गई है।
पुलिस को गुमराह करता रहा मां-बाप का हत्यारा
अंबेश ने जब मां-बाप की हत्या की बात को स्वीकार की तो पुलिस अधिकारी भी सन्न रह गए। अंबेश अधिकतर समय कोलकाता में ही रहता था। वह जब भी वापस आता था पैसे व प्रापर्टी को लेकर मां-बाप से अक्सर झगड़ता था। परिवार की मनाही के बाद भी लव मैरिज करने की वजह से भी किचकिच होती थी।
इसके अलावा आरोपित अंबेश को यह भी डर था कि पिता श्याम बहादुर व मां बबिता देवी कहीं उसे परिवार से बेदखल न कर दें। पुलिस हत्या की सभी वजहों की गहनता से पड़ताल कर रही है। मृत दंपती मूल रूप से खरगसेनपुर का रहने वाला था। यहां वह नेवासे पर रह रहा था। श्याम बहादुर चार माह पहले ही लोको पायलट से रिटायर्ड हुए थे।

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