निराश्रित कुत्तों और अन्य जानवरों की निगरानी करेंगे पूविवि के वरिष्ठ प्रोफेसर, कुलपति ने दिए निर्देश
उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में, पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने प्रो. मानस पांडेय को निराश्रित जानवरों के प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है ...और पढ़ें

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में एक वरिष्ठ प्रोफेसर को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
जागरण, खालिद शाह, मल्हनी (जौनपुर)। उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश में निराश्रित स्वान और अन्य आवारा जानवरों के प्रबंधन को लेकर जारी किए गए आदेशों के अनुपालन में पूर्वांचल विश्वविद्यालय में एक वरिष्ठ प्रोफेसर को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
शासन के विशेष सचिव शकील अहमद द्वारा भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सु-मोटो रिट पिटिशन सिटी हेल्थ बाई स्ट्रीट किड्स पे प्राइस बनाम अन्य में पारित आदेशों का कड़ाई से पालन किया जाए, जिसके बाद कुलपति प्रो वंदना सिंह ने कुलसचिव को तत्काल कार्यवाही का निर्देश दिया।
शासन लखनऊ के संदर्भ पत्र दिनांक तीन दिसंबर 2025 के अनुसार उच्च न्यायालय ने 22 अगस्त और सात नवंबर को अपने आदेशों में सभी विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों को निर्देशित किया है कि परिसर में घूमने वाले निराश्रित जानवरों की संख्या, सुरक्षा और नियंत्रण से जुड़े प्रावधान लागू किए जाएं। इसके लिए प्रत्येक संस्थान को एक नोडल अधिकारी नामित करना अनिवार्य है ताकि शासन को नियमित रूप से रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा सके।
इसी के अनुपालन में कुलसचिव केश लाल ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. मानस पांडेय को नोडल अधिकारी नामित करते हुए निर्देश दिया कि वे परिसर में आवारा कुत्तों,जंगली सूअर, गायों व अन्य निराश्रित जानवरों की गतिविधियों, सुरक्षा उपायों और नियंत्रण व्यवस्था पर निगरानी रखें तथा पूरी जानकारी शासन को उपलब्ध कराएं।
पत्र में प्रयुक्त शब्द निराश्रित चौपाये ऐसे जानवरों के लिए है जिनका कोई संरक्षक नहीं होता और जो परिसर में स्वतंत्र रूप से घूमते हैं।कुलसचिव ने इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर, जिनकी मूल जिम्मेदारी शिक्षण और अनुसंधान है, को निराश्रित कुत्तों और अन्य जानवरों की निगरानी जैसी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
विश्वविद्यालय में आवारा स्वान से अधिक जंगली सूअर भी है जिसे रात्रि में अपूर्ण इमारतो मे अपना आश्रय बनाया हुआ है।अब यह देखना बचा है कि इन सब समस्याओं से नामित नोडल अधिकारी कैसे निपटते हैं? सूत्रों के अनुसार उन्हें यह जिम्मेदारी इसलिए दी गई है कि वह पशु प्रेमी हैं।

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