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    Jaunpur News: नागपंचमी पर तालाब में डूबने से तीन बालकों की मौत, गुड़िया डुबाने की रस्म के दौरान हुआ हादसा

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Tue, 22 Aug 2023 10:59 AM (IST)

    मछलीशहर तहसील के सरायबीका गांव में सोमवार को नागपंचमी पर्व पर गुड़िया डुबाने की रस्म के दौरान तालाब में डूबने से तीन बालकों की मौत हो गई। पंवारा क्षेत्र के सरायबीका निवासी पप्पू सरोज ने बस्ती से कुछ दूर अपनी भूमि पर मछली पालन के लिए तालाब खोदवाया है। नागपंचमी पर परंपरानुसार गांव की महिलाएं बेटों के साथ कपड़े की बनाई गई गुड़िया डुबाने की रस्म निभाने गई थीं।

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    नागपंचमी पर तालाब में डूबने से तीन बालकों की मौत, गुड़िया डुबाने की रस्म के दौरान हुआ हादसा

    जागरण संवाददाता, जौनपुर: मछलीशहर तहसील के सरायबीका गांव में सोमवार को नागपंचमी पर्व पर गुड़िया डुबाने की रस्म के दौरान तालाब में डूबने से तीन बालकों की मौत हो गई। पंवारा क्षेत्र के सरायबीका निवासी पप्पू सरोज ने बस्ती से कुछ दूर अपनी भूमि पर मछली पालन के लिए तालाब खोदवाया है।

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    नागपंचमी पर परंपरानुसार गांव की महिलाएं बेटों के साथ कपड़े की बनाई गई गुड़िया डुबाने की रस्म निभाने गई थीं। शास्त्रों में ऐसी किसी परंपरा का वर्णन नहीं मिलता, लेकिन स्थानीय लोगों की मान्यता है कि भाई अपनी बहन की रक्षा और उनकी लंबी उम्र की कामना के लिए ऐसा करते हैं।

    गुड़िया डुबाने के बाद महिलाएं घर लौट गईं। इसके बाद सुबह करीब 11 बजे रंजीत सरोज का आठ वर्षीय पुत्र आयुष व संजय सरोज का 10 वर्षीय पुत्र सत्यम तालाब में उतरकर डंडे से गुड़िया पीटकर उसे डुबाना चाह रहे थे।

    आयुष को बचाने में गई अन्य दो बालकों की जान

    प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आयुष डूबने लगा। उसे बचाने में सत्यम भी डूबने लगा। दोनों को डूबता देख किनारे खड़ा पप्पू सरोज का 15 वर्षीय पुत्र अभिषेक उन्हें बचाने के लिए तालाब में कूदा और थोड़ी ही देर में तीनों डूब गए।

    हादसे की जानकारी होते ही गांव के लोग तालाब पर पहुंचे। ग्रामीणों ने तीनों को तालाब से निकाला। तुरंत उपचार के लिए मछलीशहर स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

    आजीविका के लिए खोदवाया गया तालाब बना पुत्र का काल

    सरायबीका गांव के चौकीदार पप्पू सरोज परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। इसी मंशा से मछली पालन को पप्पू सरोज ने घर के पास निजी जमीन पर बने गड्ढे को पिछले वर्ष बुलडोजर से खोदवाकर तालाब का रूप दे दिया था। इसी के पानी से वह अपने खेतों की सिंचाई भी करते थे।

    उन्हें क्या पता था कि एक दिन यही तालाब उनके इकलौते पुत्र अभिषेक की मौत का कारण बन जाएगा। वह बार-बार खुद को कोस रहे थे।

    सुख-शांति व सुरक्षा के लिए पीटते हैं गुड़िया

    व्यास मुरारी श्याम पांडेय कहते हैं कि गुड़िया को पीटने का शास्त्रों में कोई वर्णन नहीं हैं, लेकिन कई स्थानों पर घर में सुख व शांति के लिए ऐसा करने का प्रचलन है। उन्होंने बताया कि बहनों की सुरक्षा के लिए कई बार भाई इस परंपरा को निभाते हैं।