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    जौनपुर में लंपी बीमारी का बढ़ रहा प्रकोप, वैक्‍सीन आवंटन के बाद भी नहीं शुरू हुआ टीकाकरण

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 01:20 PM (IST)

    जौनपुर जिले में लम्पी रोग का प्रकोप बढ़ रहा है जिससे पशुपालक परेशान हैं। बदलापुर क्षेत्र के कई गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं जहाँ दुधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता घट गई है। सरकार ने टीकाकरण अभियान चलाने के लिए वैक्सीन आवंटित की है लेकिन अभी शुरुआत नहीं हुई है।

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    रोग के लक्षणों में बुखार और शरीर पर गांठें शामिल हैं।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। जनपद के कई गांवों में लंपी बीमारी का प्रकोप है। इसकी चपेट में सबसे अधिक बदलापुर क्षेत्र के कई गांव के पशु आए हैं। जिले के प्रभावित इलाके को चिन्हित कर अभियान चलाकर टीकाकरण किया जाना है।

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    इसके लिए एक लाख पशुओं को टीका लगाने के लिए वैक्सीन आवंटित की गई है। अभी तक जिले में अभियान की शुरूआत नहीं हुई है। जनपद में कई साल से लंपी बीमारी का प्रकोप है। हर साल बड़ी संख्या में गोवंश चपेट में आते हैं। लंपी चर्म रोग एक विषाणु जनित रोग है।

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    इसमें पशु को तेज बुखार, आंख व नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन, पूरे शरीर में कठोर एवं चपटी गांठ आदि प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं, कभी-कभी संपूर्ण शरीर की चमड़ी विशेष रूप से सिर, गर्दन, थूथन, थनों, गुदा आदि के बीच के भाग पर गांठों के उभार बन जाते हैं तथा पूरा शरीर गांठों से ढंक जाता है।

    गांठे (नोडयूल) नेक्रोटिक और अल्सरेटिव भी हो सकते, जिससे मक्खियों द्वारा अन्य स्वस्थ पशुओं में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। नाक में घाव होने से सांस लेने में कठिनाई होती है, पशुओं का वजन घट जाता है, शरीर कमजोर हो जाता है एवं अत्यधिक कमजोरी से पशु की मृत्यु भी हो सकती है, गर्भित पशुओं में गर्भपात हो सकता है। दुधारू गायों में दुग्ध उत्पादन काफी कम हो जाता है।

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    बोले अध‍िकारी

    गोवंशों में लंपी चर्म रोग के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है।प्रभावित गांवों में टीकाकरण के लिए पशु चिकित्साधिकारी बदलापुर को निर्देशित किया गया है। जिले में 20 हजार वैक्सीन है।पशु सुरक्षा को देखते हुए और वैक्सीन की मांग की गई है।

    - ओम प्रकाश श्रीवास्तव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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