मेडिकल कॉलेज में मशीन खराब होने से छह दिन से सीबीसी जांच व एक्स-रे ठप, भटक रहे मरीज
जौनपुर के उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज में मशीन खराब होने से सीबीसी और एक्स-रे जांच छह दिनों से बाधित है। मरीजों को प्राइवेट लैब में जांच करानी पड़ रही है जिससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। डॉक्टर गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर रहे हैं। प्राचार्य के अनुसार मशीन जल्द ही ठीक हो जाएगी। यह समस्या सरकारी लापरवाही के कारण हुई है।

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर)। उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) के अस्पताल में मशीन खराब होने से छह दिन से सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट ) जांच व एक्स-रे नहीं हो पा रहा है। ऐसे में चिकित्सकों को मजबूरी में गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करना पड़ रहा है।
इन दिनों मौसम के उतार-चढ़वा से संक्रमण का बढ़ता कहर मरीजों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट का कारण बन रहा है। इससे उनमें आक्रोश भी बढ़ रहा है।
मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में छह दिन से मशीन खराब है। इससे न तो सीबीसी जांच हो पा रही है और न ही एक्स-रे। प्रतिदिन औसतन सौ से डेढ़ सौ मरीज ब्लड जांच के लिए अस्पताल के लैब में आ रहे हैं, लेकिन उन्हें प्राइवेट लैब में जाकर जांच करानी पड़ रही है।
इससे मरीजों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है। मरीजों के स्वजन का आरोप है कि सरकारी व्यवस्था में लापरवाही के चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है। जांच न होने से उनका उपचार समय पर नहीं हो पा रहा है।
चिकित्सकों का कहना है कि हर दिन कई गंभीर मरीज आ रहे हैं, लेकिन सीबीसी व एक्स-रे रिपोर्ट के अभाव में उनका सटीक इलाज संभव नहीं हो पा रहा है। गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करना पड़ रहा है।
क्या बोले मरीज
मेडिकल कॉलेज में एक्स-रे करवाने आया था, लेकिन मशीन खराब होने के कारण मेरी जांच नहीं हो पाई। डाक्टरों ने मुझे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां जाने में काफी परेशानी हो रही है। -इंद्रजीत, खुटहन।
एचबी-1 एसी जांच के लिए मेडिकल कालेज आया था, लेकिन जांच नहीं हो पाई। मुझे प्राइवेट लैब में जांच करवाने को कहा गया। यह खर्च मेरे लिए अतिरिक्त बोझ है। -रमेश, पलथी गांव।
यहां इलाज के लिए आया था, लेकिन जरूरी जांच नहीं हो सकी। डाक्टर ने जांच बाद आगे और दवा लिखने की बात कही है। -हिमांशु, जंगीपुर।
चिकित्सक की सलाह के बाद जरूरी जांच कराने मेडिकल कालेज आया था, लेकिन मशीन खराब होने के कारण जांच नहीं हो सकी। ऐसे में मुझे प्राइवेट लैब में जांच करवानी पड़ी। -रतनलाल, खरसहन खुर्द।
क्या कह रहे अधिकारी
तकनीकी जानकार को बुलाया गया है। एक-दो दिन में मशीन पूरी तरह से सही हो जाएगी। इसके बाद जांच शुरू हो जाएगी। -प्रो. रुचिरा सेठी, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज।
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