जौनपुर में मड़ियाहूं के तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 12 के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एफआइआर दर्ज
जौनपुर के मड़ियाहूं थाना क्षेत्र में कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद मिश्र समेत 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अधिवक्ता सुशील कुमार यादव ने आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष ने झूठी विवेचना की और उन्हें फंसाया। अन्य आरोपितों पर संजय सिंह की हत्या में वादी को फंसाने का आरोप है।

जागरण संवाददाता, जौनपुर। मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के ऊंचनी कला निवासी दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता सुशील कुमार यादव के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट के आदेश पर मड़ियाहूं के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद मिश्र समेत 12 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में बुधवार को मड़ियाहूं थाने में पुलिस ने एफआइआर दर्ज किया।
इसमें थानाध्यक्ष पर झूठी विवेचना करने व परिवादी को थाने पर विरोध कर चालान करने का आरोप है वहीं अन्य आरोपितों पर संजय सिंह की हत्या कर वादी को फसाने का आरोप है। अधिवक्ता सुशील कुमार यादव ने मड़ियाहूं थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद मिश्र, पुलिस कर्मी पवन कुमार पांडेय के अलावा ऊंचनी कला निवासी प्रताप सिंह, रविंद्र सिंह, अजय सिंह, रणजीत सिंह, कपिल देव सिंह, शुभम सिंह, सुनील यादव, आशीष गौड़ व कैलावार गांव के उमाशंकर यादव, भरत कुमार के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया।
कहा कि 29 फरवरी 2024 को अजय सिंह व उनके साथ के लोगों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा था। इसको प्रार्थी ने डायल 112 फोन कर पुलिस को बुलाकर रोकवा दिया। इसके बाद दिन में दो बजे क्षेत्रीय लेखपाल के आने पर मौके पर गया। वहां पहुंचते ही अजय सिंह, प्रताप सिंह, रणजीत सिंह आदि ने मुझे मारा-पीटा। इसका मुकदमा थाने पर दर्ज है। जब 29 फरवरी को थाने पर एफआइआर लिखा रहा था तभी पुलिस प्रताप सिंह को पकड़ कर ले आई।
प्रताप सिंह ने कहा कि अभी भी समय है समझौता कर लो नहीं तो बहुत पछताओगे। इसके बाद गत चार मार्च 2024 को सुबह आठ बजे मड़ियाहूं पुलिस आई और प्रार्थी को गिरफ्तार कर थाने ले जाकर लाकप में बंद कर दिया। उस समय कपिल सिंह व अन्य आरोपित आए। उंचनी निवासी संजय सिंह की हत्या हो गई थी। आरोपित मेरे व परिवार वालों के खिलाफ थाने में हत्या की तहरीर दिलवा दिए। पुलिस मुकदमा भी लिख ली। मेरी नहीं सुनी गई। छूटने के बाद थानाध्यक्ष मड़ियाहूं को प्रार्थना पत्र दिया तो उन्होंने कहा कि जांच चल रही है। इसी बीच आरोप पत्र न्यायालय में भेज दिया।
पुनः थानाध्यक्ष विनोद मिश्र से मिला तो वह धमकाते हुए कहे कि आपके खिलाफ गैंग्स्टर लगा दूंगा। वादी ने 29 अप्रैल 2024 को पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया। उसका कहना है कि वह संजय की हत्या की घटना के समय चार मार्च 2020 को अपने घर पर था और पुलिस उसे शाम को थाने पर ले गई और तीन दिन तक बैठाए रखा।
वादी के फोन के लोकेशन और काल डिटेल आदि के संबंध में पुलिस विवेचना से तथ्य स्पष्ट हो सकते हैं। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। सीजेएम श्वेता यादव ने 12 सितंबर 2025 को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश से एक अक्टूबर को थाना मड़ियाहूं में रिपोर्ट दर्ज हुई और कापी न्यायालय में भेजी गई।
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