जौनपुर में अदालत ने अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई
जौनपुर की अदालत ने अपहरण और दुष्कर्म के एक मामले में दोषी पाए गए व्यक्ति को 10 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को ध ...और पढ़ें

अदालत ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 38 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर। शाहगंज निवासी 15 वर्षीय किशोरी को शादी का झांसा देकर अगवा करने और दुराचार के मामले में जेसीबी चालक बबलू राजभर को अपर सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार द्वितीय ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 38 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने आदेश दिया कि अर्थदंड की राशि पीड़िता को दी जाए। इसके अतिरिक्त, पीड़िता को अतिरिक्त प्रतिकर दिलाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्णय की प्रति भेजी गई है।
इस घटना की रिपोर्ट पीड़िता के भाई ने शाहगंज थाने में दर्ज कराई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 22 जुलाई 2016 को 15 वर्षीय पीड़िता स्कूल पढ़ने गई थी। बबलू राजभर, जो पीड़िता के भाई के यहां जेसीबी चलाता था, ने उसे शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर शाहगंज स्टेशन ले गया। वहां से ट्रेन के माध्यम से उसे अगवा कर दिल्ली ले जाया गया, जहां उसके साथ दुराचार किया गया।
28 जुलाई 2016 को पीड़िता आरोपी के चंगुल से भागकर अपने घर आई और अपने परिवार को सारी घटना बताई। इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल परीक्षण और बयान दर्ज किया। सरकारी वकील राजेश उपाध्याय और कमलेश राय ने गवाहों को परीक्षित किया।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बबलू को दोषी ठहराया और सजा सुनाई। यह मामला न केवल समाज में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंता को उजागर करता है, बल्कि न्यायालय के इस निर्णय से यह भी स्पष्ट होता है कि ऐसे अपराधों के प्रति सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस निर्णय से पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है और यह संदेश भी गया है कि समाज में इस प्रकार के अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पीड़िता को उचित मुआवजा मिले, जिससे उसकी मानसिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

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