जौनपुर में दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाने वाली महिला के विरुद्ध होगी कार्रवाई
जौनपुर में एक महिला द्वारा दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाने के मामले में पुलिस अब उस महिला के खिलाफ कार्रवाई करेगी। जांच में आरोप झूठा साबित होने के बाद पुलिस ने यह फैसला लिया है। महिला पर झूठी शिकायत दर्ज कराने और न्यायालय को गुमराह करने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि ऐसे झूठे आरोप समाज में गलत संदेश देते हैं।

न्यायालय में बयान से मुकरने वाली वादिनी के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी न्यायालय) अनिल कुमार यादव ने अनुसूचित जाति की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया है। न्यायालय में बयान से मुकरने वाली वादिनी के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वाद दायर कर नोटिस जारी किया है।
केराकत कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की महिला ने छह वर्ष पूर्व शिवरामपुर खुर्द गांव निवासी संदीप सिंह व अभिषेक सिंह पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पुलिस ने दोनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट उस समय न्यायालय में दाखिल कर दिया। वादिनी जिरह के दौरान अपने बयान से मुकर गई। न्यायालय ने रिकार्ड में दर्ज किया कि वादिनी पूर्व में दिए गए बयान से मुकर गई।
न्यायाधीश ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि वादिनी ने आरोपितों को मिथ्या साक्ष्य गढ़ कर फंसाने का प्रयास किया था। इस गंभीर आचरण को हल्के में नहीं लिया जा सकता। वादिनी के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 344 के तहत अलग से आपराधिक प्रकीर्ण वाद दायर किया जाए।
इसके साथ ही वादिनी को नोटिस जारी कर सवाल किया है कि क्यों न उसे मिथ्या साक्ष्य गढ़ने के लिए दंडित किया जाए। न्यायाधीश ने यह भी आदेश दिया कि यदि वादिनी को इस मुकदमे में एससी-एसटी नियमावली के तहत कोई सरकारी आर्थिक सहायता मिली हो तो उसकी वसूली जिला मजिस्ट्रेट नियमानुसार करें। न्यायालय ने व्यक्तिगत बंधपत्र व जमानतनामा निरस्त करते हुए आरोपितों को बरी कर दिया।

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