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    भारतीय वैज्ञानिक संस्थानों के शोध देश को नए वैज्ञानिक युग में प्रवेश कराने वाले: राज्यपाल

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 12:58 PM (IST)

    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में कहा कि पीएचडी धारक राष्ट्र निर्माण में योगदान दें और वैज्ञानिक अनुसंधान पर ध्यान दें। उन्होंने इसरो के कार्यों की सराहना की और विश्वविद्यालयों से अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने पांडुलिपियों पर शोध के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

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    उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने दीक्षा समारोह को संबोध‍ित क‍िया।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 29 वें दीक्षा समारोह की अध्यक्षता करतीं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कहा कि पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाले अब राष्ट्र निर्माण की बड़ी जिम्मेदारी के वाहक बन चुके हैं, उन्हें भविष्य के वैज्ञानिक व नीतिगत बदलावों की तैयारी अभी से करनी चाहिए।

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    कहा कि देश-दुनिया में जो नवीनतम अनुसंधान हो रहे हैं, उनसे सीख लेते हुए हमें आने वाले 25 वर्षों की वैज्ञानिक रूपरेखा तैयार करनी होगी। राज्यपाल ने भारतीय वैज्ञानिक संस्थानों विशेष रूप से इसरो के शोध कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इन प्रयासों के परिणाम भारत को नए वैज्ञानिक युग में प्रवेश कराने वाले होंगे।

    उन्होंने कहा कि आज प्राकृतिक आपदाओं पहाड़ों के खिसकने और आकाशीय बिजली से जनहानि जैसी घटनाओं पर भी देश के वैज्ञानिक गंभीर शोध कर रहे हैं। इसरो के लोग सुनामी व समुद्रों पर काम कर रहे हैं। विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वह अनुसंधान की संस्कृति को पुनर्जीवित करें, क्योंकि सरकार के पास अनुसंधान के लिए पर्याप्त फंड है, लेकिन विश्वविद्यालयों से गुणवत्तापूर्ण प्रोजेक्ट प्रस्ताव नहीं पहुंच रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को सबसे अधिक रिसर्च पर फोकस किया।

    कहा कि विश्वविद्यालय और छात्र नए नए स्थानों पर शोध करें। उन्होंने पांडुलिपियों के न देखने न खोलने की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्रीजी ने इसका अनुसरण किया है। देश की सभी पांडुलिपियों का अभी हाल ही में दिल्ली में समागम हुआ है। जल्द ही इस पर भी रिसर्च शुरू किया जाएगा। संपूर्णानंद संस्कृत विद्यालय में पांडुलिपि देखने को मांगी जो फैट गई थी। इसके चलते काफी निराशा हुई। यदि भरता को विश्व गुरु बनना है तो हम सबको अपनी आदतों में सुधार लाना होगा।

    छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति पर जोर दिया। कहा कि नहीं आएंगे तो परीक्षा नहीं देने दिया जाएगा। शिक्षक क्लास में जाएं और चरित्र का निर्माण करें। 15 साल की बेटी प्रेग्नेंट हो रही हैं यह कितनी अशिक्षा व दुख की बात है। छात्रों को सही दिशा में चलना होगा। यूपी के किस विश्वविद्यालय में क्या हो रहा है यह हमें मीडिया के माध्यम से मिलता है और हम दिशा-निर्देश भी देती हूं। परीक्षा समय पर होनी चाहिए। यह विद्यार्थी का जीवन और दिशा तय करती है।

    वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रिलायंस जियो इन्फोकाम लिमिटेड के प्रेसिडेंट (सेल्स एंड डिवाइस बिजनेस) सुनील दत्त ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि कर्म कीजिए, फल की चिंता मत कीजिए। आज का सम्मान आपकी यात्रा की शुरुआत है। उन्होंने भारत की डिजिटल क्रांति का उल्लेख करते हुए कहा कि गांवों के लोग इंटरनेट नहीं अपनाएंगे, यह भ्रम था।

    हमने विश्वास किया कि ग्रामीण भारत को डेटा और नेटवर्क की शक्ति देकर डाक्टर, इंजीनियर और नवाचारी बनाया जा सकता है। कहा कि धीरूभाई अंबानी का सपना था कि भारत को तकनीक के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। आज प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप हम उसी दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वह केवल उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि रचनाकार बनें। डिग्री वह नहीं जो आपने सीखी है, बल्कि वह है जो आप आगे जाकर समाज को सिखाएंगे।