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    असाध्य रोगों के इलाज में कारगर है होम्योपैथी

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 18 Dec 2019 05:07 PM (IST)

    दैनिक जागरण का लोकप्रिय कालम हैलो डाक्टर? सामयिकता के लिहाज से पाठकों के लिए मुफीद रहा। बुधवार को मेहमान रहे वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अमरनाथ पांडेय से न जटिल बीमारियों के निदान के उपाय पूछे बल्कि गठिया कैंसर सोरायसिस बाल झड़ने सांस दमा ब्रेन स्पाइन कान बहने गठिया यूरिक एसिड बढ़ने आरए फैक्टर व मानसिक रोग बीमारियों को लेकर प्रश्नों की झड़ी लगा दी। डा. पांडेय ने संजीदगी से उनके प्रश्नों का उत्तर दिया। प्रस्तुत है प्रमुख सवाल व उनके जवाब-

    असाध्य रोगों के इलाज में कारगर है होम्योपैथी

    जागरण संवाददाता, जौनपुर : दैनिक जागरण के लोकप्रिय कालम हैलो डाक्टर में बुधवार को मौजूद रहे वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अमरनाथ पांडेय। इनसे लोगों ने फोन पर न सिर्फ जटिल बीमारियों के निदान के उपाय पूछे बल्कि गठिया, कैंसर, सोरायसिस, बाल झड़ने, सांस, दमा, ब्रेन स्पाइन, कान बहने, लकवा, गठिया, यूरिक एसिड बढ़ने, आरए फैक्टर व मानसिक बीमारियों को लेकर प्रश्नों की झड़ी लगा दी। डा. पांडेय ने संजीदगी से उनके प्रश्नों का उत्तर दिया और समाधान बताया। प्रस्तुत है प्रमुख सवाल व उनके जवाब..।

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    सवाल: मैं मधुमेह से पीड़ित हूं। गत कई वर्ष से एलोपैथ दवाओं का सेवन कर रहता हूं। होम्योपैथी में भी इस बीमारी की दवा है।

    जवाब: मधुमेह से घबराएं नहीं। उचित आहार, नियमित व्यायाम के साथ होम्योपैथी दवाओं के सेवन से न सिर्फ इसे नियंत्रित किया जा सकता है बल्कि इस बीमारी से निजात भी संभव है। चीनी, नमक, चावल, मैदा के अलावा दुग्ध पदार्थों से परहेज करने के साथ ही मौसमी फल, सलाद, मोटे व अंकुरित अनाजों का सेवन करें। एलोपैथ की तरह लंबे समय तक होम्योपैथिक दवाओं के खाने से पा‌र्श्व प्रभाव भी नहीं पड़ता।

    सवाल: मुझे दो साल पूर्व पक्षाघात हो गया है। ठंड में क्या सावधानी बरतें?

    जवाब: ठंड के मौसम में पक्षाघात की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में लकवा के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। बिस्तर से उठकर तुरंत बाहर न निकलें। गुनगुना पानी व तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें। चिकनी व तली, भुनी चीजों का परहेज करें। लकवा के मरीज अगर समय से विशेषज्ञ होम्योपैथिक चिकित्सक के पास पहुंच जाएं तो सौ प्रतिशत स्वस्थ हो सकते हैं।

    सवाल: क्या होम्योपैथ में चेचक की दवा है?

    जवाब: चेचक के उपचार में होम्योपैथ काफी कारगर है। इसका प्रकोप होने पर परिवार व आस-पास के लोग अगर समय से दवा खा लें तो इस बीमारी से बच भी सकते हैं।

    सवाल: डेंगू की बीमारी का भी क्या होम्योपैथ में इलाज है?

    जवाब: डेंगू का होम्योपैथी में सस्ता व बेहतर इलजा है। जांच में पुष्टि होने अथवा लक्षण दिखने पर तुरंत होम्योपैथिक चिकित्सक से संपर्क करें।

    सवाल: मेरे शरीर में कई जगह गांठ है। कई जगह जांच और उपचार कराया लेकिन निजात नहीं मिली। गांठों का क्या उपचार है?

    जवाब: शरीर में किस तरह की गांठ है इसका पता लगाना आवश्यक है। इसके लिए किसी विशेषज्ञ होम्योपैथिक चिकित्सक से संपर्क करें। बीमारी का पता लगने के बाद दवाओं के सेवन से जहां नई गांठें नहीं बनेंगी वहीं लंबे समय तक उपचार के बाद धीरे-धीरे पुरानी गांठें खत्म हो जाएंगी।

    सवाल: मुझे गठिया की शिकायत है। घुटने में बराबर दर्द रहता है। इसके लिए क्या करें?

    जवाब: गठिया रोग में एलोपैथिक दवाओं से फौरी तौर पर आराम तो मिल जाता है लेकिन इस बीमारी से मुक्ति नहीं मिल पाती। इतना ही नहीं लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं के सेवन का दुष्प्रभाव किडनी व लीवर पर भी पड़ता है। होम्योपैथ इस बीमारी के लिए बहुत ही कारगर है। लक्षण के अनुसार दवाओं के सेवन से बीमारी को जड़ से खत्म हो जाती है।

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    इन लोगों ने पूछे सवाल..

    अरविद यादव समाधगंज, विजय शंकर सिंह तिघरा, आनंद तिवारी लाइन बाजार, श्रीश कुमार सिगरामऊ, आनंद कुमार केराकत, आनंद श्रीवास्तव खासनपुर, अरुण मिश्रा इमलो, कामेश्वर प्रसाद यादव जमैथ, रवि साहू नौपेड़वां, विजय शंकर त्रिपाठी बेलापार, रमाशंकर एडवोकेट मालपुर रामपुर, ओम प्रकाश दुबे लेदुका, रामजी प्रजापति सरायख्वाजा, जयपाल मड़ियाहूं, राजेश मिश्रा मुंगराबादशाहपुर, अमित श्रीवास्तव मुफ्तीगंज, चंदन जायसवाल पिलकिछा आदि।