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    कोरोना वायरस से लड़ने में हर्बल पौधे उपयोगी : ओगेचुकवु लुसी

    जागरण संवाददाता मल्हनी (जौनपुर) वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय फार्मेसी संस्थान की आ

    By JagranEdited By: Updated: Sun, 27 Jun 2021 08:13 PM (IST)
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    कोरोना वायरस से लड़ने में हर्बल पौधे उपयोगी : ओगेचुकवु लुसी

    जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर) : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय फार्मेसी संस्थान की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन रविवार को कोरोना वायरस को शिकस्त देने के मुद्दे पर विमर्श का दौर चला।

    नाइजीरिया के ओगेचुकवु लुसी वैंक्वो ने कोविड-19 के प्रबंधन में हर्बल औषधि की भूमिका बताई। कहा कि हर्बल पौधों पर अलग-अलग अध्ययन किए जा रहे हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और वायरस से निपटने की क्षमता रखते हैं।प्राकृतिक यौगिकों के एंटी वायरल तंत्र का शोषण वायरल जीवन-चक्र, आक्रमण, प्रवेश, प्रतिकृति, संयोजन और रिलीज की दिशा में उनकी कार्रवाई के तरीकों पर प्रकाश डाल सकता है। इसके अलावा पौधों के स्त्रोतों और उनके उपयोग के बारे में पारंपरिक जानकारी मुख्य रूप से सही परिस्थितियों में उचित रूप से नियोजित करने के लिए अनिवार्य है। कहा कि इस महामारी से निबटने के लिए हर्बल इम्यून-बूस्टर के साथ कोरोना वायरस के सामान्य अवलोकन, संचरण, नैदानिक ²ष्टिकोण और प्रतिरक्षा-प्रतिक्रियाओं पर चर्चा करती है, जिसने हर जगह दहशत पैदा कर दी है।

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    फ्रांस के प्रो सुरेश स्वर्णपुरी ने सेहत में आयुर्वेदिक रसायन के बारे में बताया। मंदबुद्धि, अहंकार और चित्त-इनकी संज्ञा अंत:करण है और दस इंद्रियों की संज्ञा वाह्यकरण है। अंत:करण की चारों इंद्रियों की कल्पना भर हम कर सकते हैं, उन्हें देख नहीं सकते, लेकिन बाह्यकरण की इंद्रियों को हम देख सकते हैं। हमें इंद्रीय-निग्रही होना चाहिए। दक्षिण कोरिया के डाक्टर सितांशु शेखर नैनोटेक्नोलाजी और बायोमेडिकल में इसके अनुप्रयोग की व्याख्या की।

    दवा सब्सट्रेट को उनके आणविक संश्लेषण पर नियंत्रण के परिणामस्वरूप बहुत विशिष्ट और नियंत्रित रासायनिक और भौतिक गुणों को प्रदर्शित करने के लिए डि•ाइन किया जा सकता है। इस मौके पर डाक्टर धर्मेंद्र सिंह, डाक्टर विजय बहादुर मौर्या, डाक्टर विनय वर्मा ने वक्ताओं का परिचय कराया। संचालन डाक्टर झांसी मिश्र व आभार प्रकाश डा. आलोक दास ने किया।