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Health Alert: दिसंबर और जनवरी में बढ़ जाता है Sudden Death का खतरा, अचानक मौत देने वाली बीमारी से ऐसे करें बचाव

डा. यादव ने बताया कि दिसंबर व जनवरी में 200 से अधिक मौतें हो जाती हैं। हृदय रोग बढ़ने का कारण धमनियों में संकुचन होता है। हृदयगति बढ़ने के कारण चय-उपाचय क्रिया बढ़ जाती है। गर्म कमरों में कार्बन मोनोक्साइड की अधिकता और आक्सीजन की कमी हो जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavPublished: Mon, 05 Dec 2022 03:53 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2022 03:53 PM (IST)
Health Alert: दिसंबर और जनवरी में बढ़ जाता है Sudden Death का खतरा, अचानक मौत देने वाली बीमारी से ऐसे करें बचाव
ठंड दिल के रोगियों के लिए खतरनाक है।

जौनपुर, जागरण संवाददाता: ठंड दिल के रोगियों के लिए खतरनाक है। इस सीजन में हृदयाघात की घटनाएं 40 फीसद बढ़ जाती हैं। उच्च रक्तचाप व शर्करा को नियंत्रित करके इस बीमारी से बचा जा सकता है। सोमवार को बातचीत में जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डाक्टर अशोक कुमार यादव ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में दिसंबर व जनवरी में हृदयाघात एवं लकवे, ब्रेन हैमरेज से मृत्यु 40 प्रतिशत बढ़ जाती है। इस मौसम में सबसे अधिक परेशानी बूढ़ों, बच्चों, हृदय, गुर्दा और लकवा के रोगियों को होती है। ठंड में ब्लड प्रेशर व मधुमेह के रोगियों का रक्तचाप और ब्लड शूगर बढ़ जाता है। अधिक ठंड की वजह से फ्रास्ट बाइट, अचानक मौत का भय बन जाता है। जिससे ठंड हृदय रोगियों का दुश्मन साबित होता है।

दिसंबर व जनवरी में 200 से अधिक मौतें 

डा. यादव ने बताया कि जनपद में दिसंबर व जनवरी में 200 से अधिक मौतें हो जाती हैं। हृदय रोग बढ़ने का कारण धमनियों में संकुचन होता है। हृदयगति बढ़ने के कारण चय-उपाचय क्रिया बढ़ जाती है। गर्म कमरों में कार्बन मोनोक्साइड की अधिकता और आक्सीजन की कमी हो जाती है। 

कम से कम 20 मिनट तक वाक करें

दिन छोटा व सूर्य के दर्शन कम होने से अवसाद व तनाव बढ़ जाता है। ठंड में रक्त संचार कम हो जाता है इस वजह से मधुमेह व शूगर के रोगी नियमित दवा का सेवन करने के साथ ही कम से कम 20 मिनट तक वाक करें।

हृदयाघात के लक्षण

  • सीने में बाईं तरफ दर्द जो हाथों की ओर या पीठ की ओर बढ़ने लगता है, दर्द असहाय होता है।
  • पसीना, उल्टी, शरीर का ठंडा पड़ना।
  • शूगर के मरीज व बूढ़े लोगों को ठंडी में पसीना आना।
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के साथ पसीना आना।

बचाव के लिए अपनाएं यह नियम

  • बढ़ती ठंड में मदिरापान, धूम्रपान व कोल्ड एक्सपोजर से बचें।
  • शयन कक्ष में हवा आने-जाने की व्यवस्था हो।
  • बंद कमरे में सोने से बचें।
  • सुबह सैर के प्रति सजग रहें, इस दौरान गर्म कपड़े पहनें।
  • उच्च रक्तचाप व शर्करा को नियंत्रित रखें।
  • अधिक चर्बीयुक्त भोजन से बचें।
  • सर्दी, जुकाम, दमा, अटैक का समुचित व समय पर उपचार कराएं।

आपातकाल में ऐसे करें बचाव

  • मरीज तुरंत ऐसी जगह आ जाए जहां खुला व आक्सीजन हो।
  • लंबी सांस लेकर खांसी करें।
  • डिस्प्रिन की गोली चूसें, सोर्बिट्रेट की गोली मिल जाए तो जीभ के नीचे रखें।
  • केला खा सकते हैं।

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