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    जिससे बचकर चला गया था मुंबई, 20 साल बाद वह ‘मौत’ बनकर खींच लाई… और बिखर गया हंसता-खेलता परिवार

    Updated: Fri, 27 Sep 2024 08:55 PM (IST)

    जौनपुर के विनोद शुक्ल की उनके परिवार के सदस्यों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। विनोद 20 साल पहले गांव छोड़कर मुंबई रहने लगे थे ताकि वे अपने परिवार के साथ चल रहे भूमि विवाद से बच सकें लेकिन विनोद को उनके भाइयों ने विवाद सुलझाने के बहाने घर बुलाया और हत्या कर दी। विनोद की पत्नी सुमन और दो बच्चे विशेष और प्रिशा अब उनकी मौत से आहत हैं।

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    बरसठी के खरगापुर गांव में भूमि विवाद में हत्या के बाद मौके पर जांच करती फारेंसिक टीम। जागरण

    संवाद सूत्र, जौनपुर। जिस लड़ाई से बचने के लिए खरगापुर (खोइरी) निवासी विनोद शुक्ल 20 साल पहले गांव छोड़कर मुंबई रहने लगे थे, अंत में वही उनकी मौत का कारण भी बन गया। पत्नी के नहीं चाहने के बाद भी घरवालों के कई बार कहने पर विनोद विवाद सुलझाने को लेकर घरवालों के बुलावे पर 16 सितंबर को यहां पहुंचे थे। 

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    शुक्रवार को ही वापसी का टिकट का भी टिकट था। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि हंसता-खेलता परिवार पल भर में बिखर जाएगा। विनोद के एक वर्षीय पुत्री प्रिशा को तो पता भी नहीं है कि उसके सिर से अब पिता का साया उठ गया, जबकि बड़े पुत्र विशेष का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी सुमन के तो आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। 

    उधर, घटना को सुनकर आस-पास के लोगों का भी कलेजा दहल गया। कलंकित हुए भाई व पिता के रिश्ते की चर्चा शुक्रवार को पूरे दिन होती रही। फारेंसिक टीम ने पहुंचकर शुक्रवार को घटनास्थल की जांच की। पुलिस हत्यारोपितों की गिरफ्तारी में जुटी है।

    सही समय पर मिलता उपचार तो बच जाती जान

    घरवालों ने विनोद की पिटाई करने के बाद लगभग एक घंटे कमरे में बंद रखा। इस दौरान सिर में लगी गंभीर चोट व रक्तस्राव से उसकी हालत बिगड़ती गई। यदि समय पर उपचार मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी।

    अपने हिस्से की जमीन चाहता था विनोद

    मृत विनोद और उसके भाइयों व पिता से जमीन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था। सारी जमीन पिता व मां के नाम थी। विनोद अपने हिस्से की जमीन चाहता था, लेकिन जमीन नहीं मिल रही थी। पिता सड़क पर कुछ जमीन दिए जरूर थे, लेकिन तीन कमरे के बाद अन्य कार्य करवाने पर रोक लगा दी थी।

    घरवालों के बुलाने पर आया था विनोद

    विनोद शुक्ल मुंबई में ही रहकर नौकरी कर अपना परिवार चलाता था। घरवालों के कई बार बुलाने पर वह परिवार सहित आया था। पूजा में शामिल होने के लिए कार्ड में उसका नाम तक नहीं लिखा था। यही वजह है कि वह पूजा में नहीं जाना चाह रहा था, लेकिन भूमि बंटवारे का मामला सुलझाने की बात कहकर उसे भाइयों ने बुलाया।

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