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    सपा के विरोधी रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह अब मैनपुरी में डिंपल यादव के लिए मांगेंगे वोट, जानें बदला हुआ समीकरण

    By Anand Swaroop ChaturvediEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 29 Nov 2022 03:21 PM (IST)

    सियासी समीकरण कभी भी बदल सकते हैं ताजा घटनाक्रम में कभी समाजवादी पार्टी के धुर विरोधी रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह अब मैनपुरी में डिंपल यादव के लिए वोट ...और पढ़ें

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    धनंजय सिंह अब मैनपुरी में डिंपल यादव के लिए मांगेंगे वोट।

    जौनपुर, जागरण संवाददाता। कभी सपा के विरोधी रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह अब मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव के लिए चुनाव प्रचार में वोट मांगेंगे। जनता दल यूनाइटेड द्वारा उनको यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। धनंजय सिंह मौजूदा समय में उक्त पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव हैं। अब वह समाजवादी पार्टी के लिए मैनपुरी में जाकर चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे और सरकार के विरोध का परचम बुलंद करेंगे। 

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    जद यू के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष नंदन ने जारी किए गए प्रेस निमंत्रण में बताया गया है कि मैनपुरी लोकसभा में हो रहे उपचुनाव में सम्बन्ध में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव पूर्व सांसद के.सी त्यागी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद धनंजय सिंह व प्रदेश अध्यक्ष अनूप सिंह मंगलवार को मैनपुरी में सपा कार्यालय पर संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता करेंगे।

    बिहार में जनता दल यूनाइटेड का समर्थन करने वाली समाजवादी पार्टी के पक्ष में नीतीश कुमार की पार्टी ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को चुनाव प्रचार में लगा दिया है। इससे राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर से हलचल मच गई है। विगत विधानसभा चुनाव में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने धनंजय के क्रिकेट खेलने के वायरल वीडियो पर सरकार के खिलाफ जमकर बोला था। मल्हनी चुनाव में धनंजय सिंह को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी लकी यादव ने पराजित किया था। इनकी पत्नी श्रीकला सिंह वर्तमान में निर्दलीय जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

    वर्ष 2002 में रारी विधानसभा से विधायक बनकर राजनीति में प्रवेश करने वाले धनंजय सिंह ने वर्ष 2007 में जनता यूनाइटेड से पुनः रारी से जीतकर विधायक बने। इसके बाद वह बसपा से वर्ष 2009 में सांसद बन गए। रारी में हुए उपचुनाव में इन्होंने अपने वर्चस्व से अपने पिता राजदेव सिंह को रारी विधानसभा का अंतिम विधायक बना दिया। परिसीमन में रारी विधानसभा समाप्त कर मल्हनी बना दिया गया।