Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकिस्तान की जेल में जान गंवाने वाले घुरहू का शव आज पहुंचेगा जौनपुर, जागरण की खबर पर रक्षा मंत्री ने लिया था संज्ञान

    Updated: Fri, 18 Apr 2025 03:05 PM (IST)

    पाकिस्तान की कराची जेल में बंद मछुआरे घुरहू बिंद की गतदिवस मौत हो गई। वह वहां पांच वर्ष से बंद थे। उनकी मौत से पूरा परिवार सदमे में है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दैनिक जागरण की खबर पर संज्ञान लेते हुए विदेश मंत्री से वार्ता करने की बात कही थी। घुरहू के परिवार को सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।

    Hero Image
    घुरहू बिंद। फाइल फोटो - स्रोत - स्वजन

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। मछलीशहर क्षेत्र के बसिरहा गांव निवासी मछुआरे घुरहू बिंद की पाकिस्तान की जेल में गतदिवस मौत हो गई। वह वहां की कराची जेल में पांच वर्ष से बंद थे। इसकी जानकारी परिवारवालों को मंगलवार को दी गई। शव 17 अप्रैल को बाघा बार्डर पर पहुंचा। वहां से घर के लिए लाया जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुक्रवार की देररात उसके पहुंचने की उम्मीद है। सीओ मछलीशहर प्रतिमा वर्मा ने बताया कि घुरहू का शव अभी अमृतसर पहुंचा है। वहां से यहां आने में देररात हो सकती है। स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है।

    घुरहू की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। स्वजन को सांत्वना देने वाले पूरे दिन घर पहुंचे। मृत घुरहू की पत्नी पार्वती का रो-रोकर बुरा हाल है। घुरहू की कुल छह संतानों में तीन पुत्रियों का विवाह हो चुका है, जबकि एक पुत्री संतोषी अभी 12 वीं कक्षा की छात्रा है।

    दो पुत्र धीरज व नीरज मुंबई में रहकर किसी कंपनी में कार्य करते हैं। गांव के राजेश बिंद ने बताया कि वह घुरहू 2001 में पाकिस्तान जेल में बंद थे। दो वर्ष बाद किसी तरह से रिहाई हुई, किंतु 2020 में दोबारा गुजरात के ओखा बंदरगाह के समुद्र में देश की जल सीमा को पार कर मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तानी तट रक्षकों ने पकड़कर जेल भेज दिया। तभी से वह जेल में ही थे।

    दैनिक जागरण की खबर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिया था संज्ञान

    रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को मछलीशहर तहसील के छह और सीमावर्ती जिले भदोही के दो मछुआरों के पाकिस्तान की जेल में बंद होने की खबर दैनिक जागरण के 19 जनवरी के अंक प्रकाशित होने पर रक्षामंत्री ने स्वयं उस समाचार को पढ़ने के बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए विदेश मंत्री से वार्ता करने की बात कही थी।

    उन्होंने कहा था कि अभी मुझे इस विषय में जानकारी नहीं है, किंतु इसकी पूरी जानकारी ली जाएगी। यदि हो सके तो पीड़ित परिवार के सदस्य आकर मिलें। पीड़ित परिवार के सदस्यों के प्रति सरकार की सहानुभूति है। उन्हें रिहा कराने का भरपूर प्रयास किया जाएगा।

    छप्पर में गुजर बसर करता है पीड़ित परिवार

    बसिरहा गांव निवासी घुरहू का परिवार गांव में कच्चे दालाननुमा घर के सामने टिनशेड में रहता है। घुरहू की पत्नी पार्वती देवी ने बताया कि घर की माली हालत खराब होने पर 2020 में दोबारा मछली पकड़ने के लिए पति घर से ओखा बंदरगाह गए थे। जहां से आठ फरवरी को पाकिस्तानी तटरक्षकों ने पकड़ लिया था।

    स्वजन के गले नहीं उतर रही घुरहू के आत्महत्या की बात

    घुरहू की मौत पर ग्राम प्रधान मृत्यंजय बिंद व घुरहू की पत्नी पार्वती ने कहा कि वह बहुत ही मजबूत इरादे वाले थे। वह आत्महत्या नहीं कर सकते। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जेल में घुरहू की हत्या हुई है या उन्होंने आत्महत्या की है इसे स्पष्ट करने के लिए अपने यहां प्रशासन पुनः पोस्टमार्टम कराए, जिससे घटना की सही जानकारी सामने आ सके।

    सात मछुआरे अभी भी कराची जेल में, रिहाई की मांग

    कोतवाली के चौबेपुर गांव निवासी राजनाथ बिंद, बसिरहा गांव के विनोद बिंद, नंदापुर गांव के लालमणि बिंद, सुरेश बिंद, देवरिया गांव के राजनाथ अपने रिश्तेदार भदोही जनपद के नीरज बिंद और सुल्तानपुर जिले के अभयराज के साथ रोजी-रोटी के सिलसिले में गुजरात गए थे।

    वहां एक ठेकेदार के लिए समुद्र में मछली पकड़ने का कार्य करते थे। आठ फरवरी 2020 को इनकी नाव भटक कर पाकिस्तान की जल सीमा में प्रवेश कर गई। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के जवानों ने उन्हें बंदी बना लिया। यह खबर गुजरात के एक अखबार में छपने के बाद गांव के लोगों की जानकारी हुई। ग्रामीणों ने उन लोगों के रिहाई की मांग की है।

    घुरहू के परिवार को दिया जाएगा योजनाओं का लाभ

    घुरहू की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गुरुवार को प्रशासन स्तर से तीन सदस्यीय टीम का गठन कर गांव में भेजा गया, जिससे स्वजन को सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र कहा है कि पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी।

    बताया कि तहसीलदार, मत्स्य अधिकारी व बीडीओ को सत्यापन के लिए उनके गांव भेजा गया था। परिवार को विभिन्न योजनाओं के तहत सुविधाएं दी जाएंगी।

    इसके साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति व परिस्थितियों का अध्ययन करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास, विधवा पेंशन का भी लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही मृतक के परिवार के बच्चों को मत्स्य विभाग व समाज कल्याण विभाग के तहत योजनाओं से आच्छादित किया जाएगा। दुख की घड़ी में परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी।

    यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में डेढ़ साल में सात भारतीय मछुआरों की मौत, 209 अब भी वहां की जेलों में बंद; कई सजा भी पूरी कर चुके