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    यूपी में द‍िखा चक्रवाती तूफान Montha का असर, कहीं पड़ीं फुहारें तो कहीं हुई रिमझिम बारिश

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 07:26 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में चक्रवाती तूफान 'Montha' का प्रभाव दिखाई दिया। कई क्षेत्रों में हल्की बारिश और बूंदाबांदी हुई, जिससे मौसम बदल गया और तापमान में गिरावट आई। किसानों को बारिश से राहत मिली है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में नुकसान की आशंका है। मौसम विभाग ने कुछ जिलों में अलर्ट जारी किया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

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    जागरण संवाददाता, जौनपुर। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ और अरब सागर में बने अवदाब के प्रभाव का असर जनपद में दिखा। सोमवार की रात कहीं फुहारें पड़ीं तो कहीं रिमझिम बारिश हुई। वहीं मंगलवार को नम हवाओं के साथ दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। मौसम में आए इस बदलाव के कारण अधिकतम तापमान पांच डिग्री से अधिक नीचे आ गया।

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    तूफान के असर के कारण सोमवार से अचानक मौसम में परिवर्तन आ गया। आसमान में बादलों का डेरा है वहीं रात को रिमझिम हवाएं 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलीं। राज्य मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल सिंह ने बताया कि तूफान आंध्र प्रदेश तट पार करने के उपरांत उत्तरोत्तर कमजोर हो रहा है।

    इसके अवशेष के प्रभाव से 29 व 31अक्टूबर के दौरान दक्षिणी व पूर्वी उत्तर प्रदेश में झोंकेदार हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा के साथ 30 अक्टूबर को पूर्वांचल के कुछ जिलों में भारी वर्षा होने की भी संभावना है। इस दौरान बादलों की आवाजाही के परिणामस्वरूप प्रदेश के अधिकतम तापमान में जहां जबरदस्त दैनिक उतार-चढ़ाव संभावित है। वहीं न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।

     

    पंवारा क्षेत्र में हवा के झोंकों संग बारिश, गिरी धान की फसलें

     

    क्षेत्र के कई गांवों में तेज हवा के झोंकों के साथ झमाझम बारिश हुई। इसके चलते खेतों में पानी भर गया। असमय हुई बारिश के कारण तैयार हो रही धान की फसल गिर गई है। इसे लेकर किसान चिंतित हैं। क्षेत्र के रामपुर सवाई के किसानों की धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में तो से तीन फीट तक पानी भर गया है।

    किसान विनोद तिवारी ने कहा कि धान की फसल हमारे लिए सिर्फ अनाज नहीं, बल्कि सालभर की मेहनत की कमाई का फल है। बारिश से काफी नुकसान हुआ है। अभय राज दुबे, बुजुर्ग किसान विश्वनाथ यादव, बालकृष्ण दुबे ने कहा कि असमय हो रही बारिश से जहां धान की फसल को नुकसान पहुंचेगा वहीं पशुओं के चारे का संकट भी उत्पन्न हो जाएगा।