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    कफ सीरप के प्रकरण में लाइसेंस निर्गत करने वाले विभाग ने दी सफाई, जांच की जद में व‍िभाग भी

    By SARVESH KUMAR MISHRAEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 01 Dec 2025 07:51 PM (IST)

    कफ सीरप मामले में लाइसेंस जारी करने वाले विभाग ने सफाई दी है। विभाग का कहना है कि उन्होंने सभी नियमों का पालन किया है और वे जांच में सहयोग कर रहे हैं। अब विभाग भी जांच के दायरे में आ गया है और दस्तावेजों की जाँच की जा रही है। जाँच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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    सीरप की तस्करी के मामले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग भी जांच के घेरे में आ गया है।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। कोडीनयुक्त सीरप की तस्करी के मामले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग भी जांच के घेरे में आ गया है। सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक आयुष श्रीवास्तव ने कहा कि कार्रवाई की जद में आए तीन आरोपितों को विभाग ने बिना सत्यापन के ही लाइसेंस निर्गत कर दिया है। इस मामले की विभाग के भूमिका की भी गहनता से जांच की जाएगी।

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    उन्होंने बताया कि शनिवार को जनपद के जिन तीन दवा कारोबारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है उनकी फर्म पर दिल्ली के फर्म वान्या इंटर प्राइजेज से 17 व 18 सितंबर को एक ही ट्रक से 90 हजार व 96 हजार कुल एक लाख 86 हजार बाटल कोडीनयुक्त सीरप आया था। एसआईटी टीम की जांच में यह तीनों दुकानें मौके पर नहीं मिलीं। इनकी जगह पर अलग-अलग दुकानें संचालित मिलीं।

    इससे लाइसेंस निर्गत करने वाले औषधि निरीक्षक की भूमिका जांच के घेरे में आ गई है। उन्होंने कहा कि लाइसेंस तो दे दिया गया, लेकिन उसका सत्यापन नहीं किया गया। विदित हो कि जनपद में 4600 से अधिक दुकानें हैं जांच के बाद पता चलेगा कि इनमें कितनी मौके पर हैं।

     

    सभी दुकानों का लाइसेंस प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्गत किया गया है। तत्कालीन औषधि निरीक्षक का मौके पर जाकर सत्यापन करने की तस्वीर भी लगी है। फर्म संचालकों के लाइसेंस लेने के बाद उसके स्वरूप को बदल दिया गया है।लाइसेंस निर्गत संबंधी सभी तथ्यों का जिक्र भी मैंने 146 पन्नों व 103 पन्नों की तहरीर में की है।

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    रजत पांडेय, औषधि निरीक्षक।