धर्म के नाम पर प्रसव न कराने के मामले में डॉक्टर सहित सीएमएस का बयान, दो पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज
जौनपुर के जिला महिला चिकित्सालय में धर्म के नाम पर प्रसव न कराने के मामले में पुलिस ने सीएमएस डॉक्टर और गार्ड के बयान दर्ज किए। सीएमएस ने वीडियो को प्रायोजित बताते हुए दो पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कराया है जिन पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।

जागरण संवाददता, जौनपुर। जिला महिला चिकित्सालय में धर्म के नाम पर प्रसव न कराने के मामले में पुलिस ने सीएमएस, डाक्टर व मौके पर मौजूद गार्ड का बयान दर्ज किया है। सीएमएस ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इंटरनेट मीडिया के दो पत्रकारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। इसकी पुलिस जांच कर रही है। घटना का वीडियो एक अक्टूबर को इंटरनेट मीडिया पर प्रचलित हुआ था।
इंटरनेट मीडिया के पत्रकार मोहम्मद उस्मान व मयंक श्रीवास्तव बक्शा क्षेत्र के उत्तरपट्टी निवासी समा परवीन का वीडियो प्रसारित किया कि 30 सितंबर को जिला महिला अस्पताल की चिकित्सक ने धर्म के नाम पर प्रसव कराने से मना कर दिया। उसके बाद महिला ने दो अक्टूबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौपेड़वा में जाकर प्रसव कराया।
प्रसारित वीडियो को जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र ने गंभीरता से लेते हुए सीएमओ डा. लक्ष्मी सिंह को जांच का आदेश दिया। रिपोर्ट में प्रसारित वीडियो प्रायोजित बताया गया। जिला महिला चिकित्सालय के सीएमएस डा. एमके गुप्त ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया।
बताया कि चिकित्सालय में महिला चिकित्सक व कर्मचारियों द्वारा शिकायत की गई कि आएदिन लेबर रूम व महिला प्रसूति वार्ड में गार्ड के रहते हुए जबरन प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसकर मोहम्मद उस्मान व मयंक श्रीवास्तव ने उनसे बदसलूकी करते हैं।
दोनों आरोपितों ने प्रसूती वार्ड में घुसकर सैनिक गार्ड से धक्का-मुक्की करते हुए भर्ती मरीज को बहला फुसला कर बयान लिए और मरीज को बिना किसी सूचना के अस्पताल से भगा दिया। इसकी सूचना भंडारी पुलिस चौकी में दी गई।
सरकार की मंशा व जनहित के विपरीत मरीज के बयान को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया गया व धार्मिक सौहार्द को विपरीत रंग देने की कोशिश की गई। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है। जांच होने तक अभी इस पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिलहाल आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
-विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली।
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