महिला क्रिकेट टीम की जीत पर राधा यादव के गांव में खुशी की लहर
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व विजेता बनने पर राधा यादव के गांव में भारी उत्साह और जश्न मनाया गया। कल तक ताना मारने वाले लोग भी आज खुशी से झूम रहे हैं। राधा के माता-पिता ने अपनी बेटी पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह जीत देश की सभी बेटियों के लिए प्रेरणा है।

गर्व से फूले नहीं समां रहे राधा यादव के गांव अजोसी के लोग।
जागरण संवाददाता, मड़ियाहूं (जौनपुर)। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्वविजेता बनने पर जिले में जश्न मनाया गया। टीम के विजयी होने पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। पहली बार ऐतिहासिक जीत में हमसफर बन जनपद का मान बढ़ाने वाली खिलाड़ी राधा यादव के गृह गांव अजोसी के लोग गर्व से फूले नहीं समा रहे हैं। गांव के लोगों ने सोमवार की सुबह अजोसी धाम में दर्शन-पूजन के बाद एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत की बधाई दी।
विश्वकप का फाइनल मुकाबले देखने के लिए आधी रात तक लोग टेलीविजन से चिपके रहे। दक्षिण अफ्रीका का अंतिम विकेट जैसे ही गिरा लोग खुशी से झूम उठे। विश्वविजेता बनने पर जमकर आतिशबाजी भी की। सोमवार की सुबह आजोशी महावीर मंदिर पर लोगों ने मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दी। बधाई देने वालों में मनोज कुमार यादव, अनिल यादव, संजय माली, आकाश मिश्र, नानक माली, सुरेंद्र यादव, जितेंद्र यादव, राजेंद्र कुमार, अवधेश कुमार, गोविंद यादव आदि रहे। 
जीत के बाद राधा के स्वजन जश्न में हुए शामिल
राधा के बड़े पिता के पुत्र मनोज यादव ने बताया कि मैच की समाप्ति पर राधा के पिता ओम प्रकाश यादव, बड़े भाई दीपक यादव, राहुल यादव व बहन सोनी यादव स्टेडियम में पहुंचकर राधा के साथ जीत के सेलिब्रेशन में शामिल हुईं। इसी क्रम में पूर्व माध्यमिक विद्यालय मेंहदीगंज में खेलकूद में प्रतिभाग करने वाली छात्राओं में भी टीम इंडिया के जीतने के बाद हर्ष का माहौल रहा। छात्राओं ने राधा यादव से प्रेरणा लेते हुए खेल में कैरियर बनाने और क्षेत्र का रोशन करने की इच्छा जताई। जीत के जश्न में प्रधानाध्यापक रमेश चंद्र यादव, श्याम नारायण पाल, कबड्डी कोच रविचंद्र यादव, कबड्डी कोच राकेश यादव, श्याम बहादुर यादव, विजय भास्कर यादव, राजेश कुमार यादव, नवनीत यादव आदि शामिल रहे।
क्रिकेट खिलाड़ियों ने तिरंगे के साथ निकाला जुलूस, मनाया जश्न
जौनपुर: भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्वकप जीतने की खुशी में स्वर्गीय उमानाथ सिंह क्रिकेट अकादमी के खिलाड़ियों ने तिरंगा के साथ सोमवार की शाम जुलूस निकालकर जश्न मनाया। उमानाथ सिंह स्टेडियम में कोच अभिषेक सिंह शर्टी, संकेत यादव, वरिष्ठ खिलाड़ी अभय सिंह बंटी, इरशाद, आदित्य सिंह के नेतृत्व में नवोदित खिलाड़ियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया।
साधारण परिवार ने निकल राधा ने मेहनत से हासिल किया मुकाम
‘मंज़िल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस कहावत जनपद की बेटी राधा यादव पर एकदम फिट बैठती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता में धमाल मचा रहीं राधा यादव बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थी। वह आज सफलता की सीढ़ियों पर भले ही सवार हैं, लेकिन उनके क्रिकेटर बनने का सफर बेहद मुश्किलों से भरा था।
उनका बचपन झुग्गी-झोपड़ी में बीता। क्रिकेट के प्रति राधा का लगाव बचपन से ही था, लेकिन इसके लिए उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ओम प्रकाश के दो पुत्र व दो बेटियां हैं। राधा सबसे छोटी है। उसने छह साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। उनके सभी बच्चे क्रिकेट खेलना चाहते थे, पर आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से बाधा आ रही थी। राधा सबसे छोटी थी इसकी लगन देखकर वह उसे मुंबई ले गए। वहां डेयरी के काम जुड़कर गए। एक छोटी सी दुकान के सहारे घर व राधा के क्रिकेट खेलने का खर्च निकलना मुश्किल था, फिर भी बेटी के आगे बढ़ने में एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया।
लकड़ी से बैट बनाकर करती थी प्रैक्टिस
- विपरीत परिस्थितियों में राधा के पास क्रिकेट किट तो दूर बैट खरीदने के पैसे नहीं होते थे। वह लकड़ी का बैट बनाकर प्रैक्टिस किया करती थी। घर से तीन किलोमीटर दूर राजेंद्रनगर में स्टेडियम तक पिता साइकिल से उन्हें छोड़ते थे और आधे रास्ते प्रैक्टिस सेशन तक वह पैदल जाती थी। घर की हालात देखते हुए उनके कोच राधा की फीस भरते थे।
17 साल की उम्र में राधा ने भारतीय टीम के लिए किया डेब्यू
- राधा यादव ने साल 2018 में टी-20 विश्व कप में भारत के लिए डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और भारत के लिए कई मैच विनिंग प्रदर्शन किए और टीम में अपनी जगह पक्की की। इसके बाद 14 मार्च 2021 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत के लिए महिला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। आज वह विश्वविजेता टीम का हिस्सा हैं।
कल तक ताना मारने वाले आज नाचने को आतुर
यह जीत हर भारतीय को समर्पित है। मुझे अपनी बेटी पर नाज है। कल तक ताना मारने वाले लोग आज नाचने को तैयार हैं। बहुत कुछ सुनने और सहने को मिला, लेकिन बेटी ने हौसला नहीं छोड़ा। यह जीत महज जीत नहीं, बल्कि देश के तमाम बेटियों और उनके स्वजन के सिर को ऊंचा करने वाला है। हम गर्व से कह सकते हैं हमारी बेटियां किसी से कम नहीं।
ओमप्रकाश यादव (टीम का हिस्सा रही राधा यादव के पिता)।

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