कर्मयोगी रहे राजकेशर ¨सह
जागरण संवाददाता, जौनपुर: पूर्व सांसद राजकेशर ¨सह के व्यक्तित्व में ज्ञान-भक्ति व कर्मयोग का सुंद
जागरण संवाददाता, जौनपुर: पूर्व सांसद राजकेशर ¨सह के व्यक्तित्व में ज्ञान-भक्ति व कर्मयोग का सुंदर समन्वय रहा। सहज-धर्मनिष्ठ व शिक्षा के प्रति विशेष अनुराग रखने वाले वे कर्मयोगी राजनेता रहे। उक्त बातें प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डा.महेंद्र ¨सह ने शनिवार को टीडी कालेज में पूर्व सांसद की तीसरी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए बतौर मुख्य अतिथि कही।
उन्होंने कहा कि जिले के पश्चिमांचल में स्थित बेसहूपुर गांव में 14 नवंबर 1930 को जन्मे श्री ¨सह का देहावसान भले ही 16 जून 2015 को हो गया लेकिन अपने अप्रतिम व्यक्तित्व व कृतित्व के कारण वह चिरस्मरणीय हैं। पूर्व सांसद के विचारों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि वे कहा करते थे कि कोई न खाली हाथ आता है न खाली हाथ जाता है, बल्कि वह भाग्य लेकर आता है और कर्म लेकर जाता है।
नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश यादव ने भी अपने संबोधन में पूर्व सांसद के कृतित्व का विस्तार से वर्णन करते हुए श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्राचार्य डा.लाल साहब ¨सह ने कहा कि अपने सत्कर्मों के कारण वे चिरस्मरणीय हैं। श्रद्धांजलि समारोह में एमएलसी विद्यासागर सोनकर, विधायक डा.हरेंद्र प्रसाद ¨सह, टीडी कालेज के प्रबंधक अशोक कुमार ¨सह, प्रो.एसके ¨सह, पूर्व आईजी बद्री प्रसाद ¨सह, पूर्व कुलपति डा.कीर्ति ¨सह, भाजपा नेता पत्रकार ओम प्रकाश ¨सह, राजेश श्रीवास्तव बच्चा भइया, प्रधानाचार्य सुभाष ¨सह सहित तमाम गणमान्य लोग रहे। धन्यवाद ज्ञापन सांसद के पुत्र भाजपा नेता दिनेश ¨सह बब्बू व संचालन प्रो.आरएन त्रिपाठी ने किया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।